मुंबईः कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान कई लोगों की नौकरियां चली गई थी. आज भी कई ऐसे युवक हैं जो पिछले 6 या 7 महीने से बेरोजगार हैं. ऐसे में वे लोग जॉब से संबंधित वेबसाइट पर अपने बायोडाटा को डालकर जॉब मिलने की उम्मीद में हैं.
लोगों की इस तरह की जरूरत का फायदा साइबर क्रिमिनल उठा रहे हैं और लोगों को बड़ी कंपनियों के फर्जी ऑफर लेटर बनाकर नौकरी का झांसा देकर ठग रहे हैं. कुछ इसी तरह का मामला मुंबई में सामने आया जहां पर एक शख्स जो कि पिछले 8 महीने से नौकरी की तलाश में है उसे साइबरक्रिमिनल ने अपना निशाना बना लिया.
नौकरी के नाम पर ठगी
मुंबई के चेम्बूर इलाके में रहने वाले और पिछले 8 महीने से बेरोजगार शिकायतकर्ता अयूब सैयद ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि उन्हें कोका कोला कंपनी से एक ईमेल आया था, जिसमें नौकरी की बात की गई थी. युवक को बताया गया कि इस कंपनी में सिर्फ कुछ ही लोगों को नौकरियां दी जा रही है. जिसमें इनका नाम भी सेलेक्ट किया गया है और नौकरी करने से पहले उन्हें दिल्ली में ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्हें बताया गया कि उन्हें मुफ्त में फ्लाइट की टिकट और ट्रेनिंग कराई जाएगी, पर उन लोगों को सेक्युरिटी के तौर पर 8 हजार रुपये भरने पड़ेंगे.
साइबर अपराधियो से रहे सावधान
उसके बाद सैयद ने बिना कुछ सोचे 8730 रुपये उनके दिए हुए अकाउंट नंबर पर भेज दिए. सैयद को बताया गया है कि 2 से 3 दिन में उन्हें उनके दिए हुए एड्रेस पर फ्लाइट का टिकट मिल जाएगा. जिसके बाद उन्हें तुरंत ही दिल्ली के लिए रवाना होना होगा. दो से 3 दिन बीत जाने के बाद भी जब उन्हें किसी भी तरह का फ्लाइट का टिकट नहीं मिला तब उन्होंने उस शख्स से दोबारा संपर्क करने की कोशिश की पर उसने फोन उठाना बंद कर दिया जिसके बाद ही सैयद को यह आभास हुआ कि उनके साथ चीटिंग हुई है.
मुंबई साइबर सेल की डीसीपी डॉ रश्मि करंदीकर ने बताया कि यह शिकायत मिलते ही उनकी टीम ने उस अकाउंट को फ्रीज किया जिस पर सैयद ने पैसे भेजे थे और समय रहते इनके पैसों को बचा लिया गया.
किसी कंपनी को पैसे डिपॉजिट नहीं करें
करंदीकर ने लोगों को बताया कि अगर उन्हें इस तरह का कोई भी ईमेल आता है तो पहले कंपनी की जो ओरिजिनल वेबसाइट होती है उस पर जाकर एक बार चेक कर लें क्योंकि हर बड़ी कंपनी अपने यहां की वैकेंसी के बारे में अपने आधिकारिक वेबसाइट पर इश्तिहार देती है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस बात की जानकारी पहुंच सके.
एक बात का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है कि इस तरह की कोई भी बड़ी कंपनी कभी भी सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में पैसों की मांग नहीं करती अगर कोई आपसे पैसों की मांग करता है तो उनके ऑफर को एक बार वेरीफाई जरूर कीजिए.
करंदीकर ने बताया कि इस तरह के तमाम शिकायतें उन्हें मिल रही हैं, जिसमें नौकरी की तलाश कर रहे युवकों को इस तरह से साइबर क्रिमिनल अपना शिकार बना रहे हैं. उनका कहना है कि यह उनकी एक पुरानी तरकीब है जिसके अंतर्गत वे लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों के नाम के फर्जी अप्वाइंटमेंट लेटर और ऑफर लेटर बनाकर रेंडमली लोगों को ई-मेल करते हैं. अगर कोई भी उनकी ईमेल को सीरियसली लेता है तो वह लोग उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं.
इसे भी पढ़ेंः
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का रेल रोको अभियान आज, रेलवे ने की ये तैयारी
देशद्रोह कानून पर कोर्ट की टिप्पणी- सरकार और पुलिस बहुत संभलकर इस्तेमाल की करने की जरूरत