Minister Arjun Munda To Farmers:  न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन करने के लिए जुट रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने खास अपील की है. मंगलवार (13 फरवरी) को उन्होंने कहा है कि कुछ ऐसे लोग हैं, जो इस आंदोलन को गुमराह करने की कोशिश करेंगे. ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है.


कृषि मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं से बात की है. अधिकतर मुद्दों पर सहमति बनी है और जिन मुद्दों पर बात नहीं बन पाई, उस पर भी बात करने के लिए हम तैयार हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "किसानों से निवेदन है कि वो ऐसे लोगों से सावधान रहें, जो वातावरण को प्रतिकूल बनाना चाहते हैं. बहुत सारे लोग ऐसी कोशिश करेंगे कि इस तरह की स्थिति बने कि जिससे एक वातावरण प्रदूषित हो. किसान भाइयों से कहूंगा कि ऐसी चीजों से बचें. भारत सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है.


'हम चाहते हैं कि किसानों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य मिले'


उन्होंने कहा, "कुछ बातों पर सहमति बनी (सोमवार को किसान नेताओं संग बैठक में) और अधिकांश बातों पर सहमति बनी है. कुछ बातों पर हम अभी भी बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार भी चाहती है कि किसानों को उनके उत्पाद का पूरा मूल्य मिले. सोमवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक बेनतीजा होने के बाद पंजाब-हरियाणा और पश्चिमी यूपी के किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में टेंट, राशन और अन्य सामान भरकर दिल्ली कूच के लिए निकल पड़े हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों के मुद्दों पर सजग है. हम बातचीत के माध्यम से समाधान ढूंढे़ंगे. हम आगे भी बैठक के लिए तैयार हैं. हमारे दरवाजे किसानों के लिए खुले हुए हैं. 


'कुछ लोग नहीं चाहते कि समाधान निकले'
केंद्रीय मंत्री ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि समाधान निकले. कुछ लोग जानबूझकर माहौल खराब कर रहे हैं. मेरी किसानों से अपील है कि ऐसे लोगों से बचें. बातचीत के जरिए हर मुद्दे का समाधान निकाला जा सकता हैं. 


'कई मामलों में राज्यों से विचार विमर्श जरूरी'
एमएसपी के मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि किसानों और उनके संगठनों को भी समझना चाहिए कि सरकार की भी एक पद्धति और मापदंड होते हैं. कई मामले राज्यों से जुड़े होते हैं, उनके साथ भी विचार-विमर्श करना होता है. इसके बाद फिर संगठनों से चर्चा करनी होती है. किसानों को इस पर भी गौर करने की जरूरत है. उन्होंने दोहराया कि सरकार हमेशा उन मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है, जिन पर सहमति नहीं बन पाई है.


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