नई दिल्ली: भारत-बांग्लादेश के बीच सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के बीच हुई 49वीं महानिदेशक स्तर वार्ता में दोनों देशों ने सरहद पर चौकसी व आपसी तालमेल सुधारने का फैसला किया है. साथ ही दोनों मुल्कों ने सीमा पर अवैध घुसपैठ रोकने और सुरक्षा इंतजाम मजबूत करने पर भी रजामंदी जताई है. इस बीच बांग्लादेश ने माना कि उसने 2019 में अपने करीब 300 नागरिकों को पकड़ा जो अवैध रूप से सीमा पार कर भारत जाने के बाद वापस लौट रहे थे. राजधानी दिल्ली में पांच दिनों तक चली इस बैठक के दौरान बीते दिनों भारत-बांग्लादेश सीमा पर हुई गोलीबारी की घटना का मुद्दा भी उठा. बैठक के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बांग्लादेशी सीमा बल की तरफ से 17 अक्टूबर को हुई गोलीबारी के सवाल पर बीजीबी महानिदेशक मोहम्मद शफीनुल इस्लाम ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.


इस कड़ी में बीएसएफ महानिदेशक विवेक जौहरी ने कहा कि यह घटना बहुत चौंकाने वाली और गैरजरूरी थी. इस मामले की भारत में भी जांच की जा रही है. साथ ही इस घटना के मद्देनजर सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों के लिए निर्धारित मानक प्रक्रिया (एसओपी) में भी बदलाव किए जा रहे हैं. अगले कुछ दिनों में इन्हें जारी कर दिया जायेगा. महत्वपूर्ण है कि गत 17 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर काकमारिचार सीमा पोस्ट के करीब बीजीबी के तरफ से हुई गोलीबारी में बीएसएफ के एक जवान विजय सिंह की मौत हो गई वहीं एक अन्य जवान घायल हो गया था. घटना तब हुई जब बीजीबी ने पद्मा नदी में मछली पकड़ने गए तीन मछुआरों को पकड़ लिया था. इनमें से एक मछुआरा अब भी बंगलादेश पुलिस की हिरासत में है और उसे छुड़ाने के लिए राजनयिक स्तर पर भी प्रयास चल रहे हैं.


सीमा पर बांग्लादेश ने पकड़े अपने ही 300 नागरिक


बीजीबी प्रमुख शफीनुल इस्लाम ने माना कि उनके सुरक्षा बलों ने इस साल करीब 300 ऐसी बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है जो भारत से वापस लौट रहे थे. हालांकि उनके मुताबिक इनमें सभी लोग ऐसे थे जो किसी कारण से सीमा पार कर भारत गए थे और वापस लौट रहे थे. बीजीबी महानिदेशक ने कहा कि अवैध रूप से सीमा पार न करे कोई इसके लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. हालांकि बीजीबी प्रमुख ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून पर यह कहते हुए कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि यह भारत का आंतरिक मामला है.


सुरक्षा इंतजाम मजबूत करने की कड़ी में दोनों देश के बीच नदी क्षेत्रों से गुजरने वाली सीमा पर भी निगरानी उपाय बढ़ाने पर सहमति जताई. एक सवाल के जवाब में बीएसएफ महानिदेशक ने कहा कि सीमा पर नदी के इलाके में किसी तरह की कोई फेंसिंग या सीसीटीवी कैमरा नहीं है. मगर, दोनों सीमा बल ज़रूरत के मुताबिक इन कमियों को भरने का लगातार प्रयास कर रहे हैं.


सिंगल-रो फेंसिंग परियोजना पर भी हुई बात


बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड महानिदेशक मोहम्मद शफीनुल इस्लाम ने बताया कि भारत की तरफ से सिंगल रो फेंसिंग का मुद्दा भी बैठक में उठाया गया. हालांकि इस मामले में भारत और बंग्लादेश के बीच अभी चर्चा चल रही है. बीएसएफ प्रमुख जौहरी के अनुसार फेंसिंग की डिजाइन पर बांग्लादेश को एक प्रस्ताव दिया गया है और उनकी मंजूरी के बाद काम आगे बढ़ेगा. महत्वपूर्ण है कि भारत बीते कुछ वक्त से भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगी कंटीली बाड़ के आगे एक नई सिंगल रो फेंसिंग लगाने का प्रयास पर काम कर रहा है ताकि सरहद पर तस्करी और अवैध कारोबार को रोका जा सके. महत्वपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 150 मीटर में होने वाले निर्माण के लिए सम्बंधित पड़ोसी देश की रजामंदी जरूरी है. भारत और बांग्लादेश के बीच 4000 किमी से अधिक की सीमा पर करीब 250 गांव ऐसे हैं जो इस सिंगल रो फेंसिंग से प्रभावित होंगें.


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