पटना: भागलपुर दंगा मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को एक और झटका लगा है. भागलपुर की अदालत ने आज अर्जित की जमानत याचिका खारिज कर दी. अब वह जमानत के लिए ऊपरी अदालत का रुख कर सकते हैं. रामनवमी के मौके पर हुई हिंसा के मामले में नामजद होने के बाद से कई दिनों तक फरार रहे अर्जित ने शनिवार की रात को सरेंडर किया था.
शाश्वत पर 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में बिना प्रशसनिक अनुमति के एक जुलूस निकालने और उस दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का आरोप है. उनकी गिरफ्तारी के लिए अदालत ने 24 मार्च को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.
शाश्वत ने नाथनगर पुलिस पर गलत मामला दर्ज करने और उन्हें फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि 'जय श्री राम' और राष्ट्रभक्ति के नारा लगाना गलत है क्या?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बेटे के खिलाफ दर्ज एफआईआर को कूड़ा करार दिया था. उन्होंने कहा था कि जान-बूझकर बेटे को फंसाया जा रहा है. बिहार के बक्सर क्षेत्र से सांसद चौबे के पुत्र शाश्वत पिछले विधानसभा चुनाव में भागलपुर से बीजेपी के प्रत्याशी थे, लेकिन चुनाव हार गए थे.
शाश्वत की गिरफ्तारी को लेकर विपक्ष लगातार सत्ता पक्ष पर निशाना साध रही थी. इस दौरान सत्तापक्ष के लोगों द्वारा भी शाश्वत की गिरफ्तारी न होने पर सवाल उठाए जा रहे थे.