पटना: बिहार के भागलपुर में भड़की हिंसा के आरोपी और मोदी के मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है. अर्जित शाश्वत ने शनिवार को पटना में सरेंडर किया था, जिसके बाद पुसिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद पुसिस उसे भागलपुर ले गई और उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.


अर्जित शाश्वत बीते एक हफ्ते से फरार चल रहे थे और निचली अदालत से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद उसने सरेंडर किया.


आपको बता दें कि भागलपुर का दंगा बिहार की सियासत में कुहराम मचा रखा है. 'सुशान बाबू' नीतीश कुमार विपक्ष के निशाने पर हैं. आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव लगातार उनपर हमले कर  रहे हैं. तेजस्वी यादव ने दो ट्वीट किए जिनमें सत्ताधारी पार्टी जेडीयू और सीएम नीतीश दोनों को निशाने पर लिया.  उन्होंने कहा, "दंगा आरोपी केंद्रीय मंत्री का बेटा मुख्यमंत्री आवास से चंद कदम दूर मंदिर में सरेंडर करता है.उसके सरेंडर को नीतीश कुमार की पार्टी गिरफ़्तारी कह रही है.  कुछ शर्म करों,BJP के हाथों आपने अपनी खादी को तो दाग़दार करवा लिया कम से कम ख़ाकी की ईज्जत तो मत उतारों. गृह विभाग CM के पास है."


अर्जित का बयान


गिरफ्तारी से ठीक पहले अर्जित ने कहा कि उनके ऊपर झूठे आरोप लगाये गये हैं. वो इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. कल ही भागलपुर की एक अदालत ने अर्जित शाश्वत की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. एक सप्ताह पहले अपने खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद शाश्वत ने अदालत का रुख किया था.


अश्वनी चौबे ने किया बचाव


अश्वनी चौबे का दावा है कि भागलपुर में कोई दंगा नहीं हुआ. वहां हिन्दू-मुसलमान अमन चैन से रह रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं खुद अमन पसन्द व्यक्ति हूँ. मेरे परिवार ने पहले के दंगों में मुसलमानों को पनाह दी है. मुझे किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. मेरे बच्चों के रगों में सहिष्णुता है. अर्जित ने शुरू से कहा है उसे फंसाया गया है."


नीतीश पर उठे सवाल


भागलपुर में दंगा के बाद अर्जित की गिरफ्तारी नहीं होने के बाद राज्य की नीतीश सरकार पर सवाल उठ रहे थे. विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस का आरोप है कि सरकार सहयोगी होने की वजह से दंगाईयों को संरक्षण दे रही है.

हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी भी चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि कल नीतीश ने दरगाह जाकर मज़ार पर चादर चढ़ाई और शांति की अपील की.




अर्जित शाश्वत पर क्या है आरोप
शाश्वत के खिलाफ भागलपुर में बिना अनुमति के जुलूस निकालने, सांप्रदायिक भावना भड़काने और सड़क पर हथियारों के साथ जुलूस निकालने के लिए मामला दर्ज किया गया था. शाश्वत के पिता और बीजेपी नेता अश्विनी चौबे ने इस संबंध में दर्ज एफआईआर को 'कचरा का एक टुकड़ा' कहा, जो कि भागलपुर में 'भ्रष्ट पुलिस अधिकारी' द्वारा दर्ज किया गया है.


शाश्वत ने पिछले लोकसभा चुनाव में भागलपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था.


दंगों में जल रहा है बिहार


बिहार में औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, भागलपुर और नालंदा जैसे जिले सांप्रदायिक तनाव की चपेट में हैं. प्रभावित शहरों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है. अब ये आग बढ़कर समस्तीपुर,  शेखपुरा और गया जिले में फैल गया है.