चंडीगढ़: संगरूर से सांसद भगवंत मान ने आप की पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से आज इस्तीफा दे दिया. एक दिन पहले पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से उन पर मादक पदार्थों के धंधे में शामिल होने का आरोप लगाने के मामले में माफी मांगी थी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री के माफी मांगने की पार्टी के नेताओं और पंजाब के विधायकों ने आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस कदम से वे हैरान हैं और निराश हैं क्योंकि केजरीवाल ने उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी.
मान ने इस्तीफा देने की घोषणा ट्विटर पर की. उन्होंने लिखा, ''मैं आप पंजाब के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं. लेकिन ड्रग माफिया और पंजाब में सभी किस्म के भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई पंजाब के आम आदमी के रूप में जारी रहेगी.''
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के पूर्व मंत्री मजीठिया पर ड्रग के धंधे में शामिल होने का आरोप लगाया था, इस पर उन्होंने कल माफी मांगी.
केजरीवाल ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें यह पता चला कि उनके लगाए आरोप बेबुनियाद हैं.
मुख्यमंत्री ने अपने माफीनामे में लिखा, '' हाल के दिनों में मैंने आपके( मजीठिया) खिलाफ कुछ बयान दिए और आरोप लगाए. ये ड्रग के धंधे में आपके कथित तौर पर शामिल होने से जुड़े थे. ये बयान राजनीतिक मुद्दा बन गए.''
इसमें आगे लिखा, '' लेकिन मुझे अब पता चला कि ये आरोप बेबुनियाद हैं. इसलिए ऐसे मुद्दों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. मैं आपके खिलाफ दिए गए अपने सभी बयान और आरोप वापस लेता हूं और इसके साथ ही माफी मांगता हूं.''
पंजाब में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि केजरीवाल के माफी मांगने से वह हैरान हैं.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, '' अरविंद केजरीवाल के माफी मांगने से मैं स्तब्ध और हैरान हूं. मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं हो रहा कि इस कद के नेता के इस तरह हार मान लेने से पहले हमसे कोई बातचीत नहीं हुई.''
खैरा ने कल ट्विटर पर लिखा था, '' मैं समझ नहीं पा रहा कि केजरीवाल ने माफी ऐसे समय क्यों मांगी जब कि पंजाब एसटीएफ ने उच्च न्यायालय को आज सूचित किया कि ड्रग मामले में विक्रम मजीठिया के खिलाफ उनके पास सबूत हैं.''
पंजाब में आप की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी के नेता सिमरजीत सिंह बैंस ने भी केजरीवाल की मजीठिया से माफी पर नाराजगी जताई.