नई दिल्ली : इस साल राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. इसके साथ ही नए राष्ट्रपति के नाम को लेकर चर्चा गरम हो गई है. तमाम चर्चाओं के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के नाम को लेकर भी गहमा-गहमी शुरू हो गई थी. लेकिन, खुद मोहन भागवत ने इन खबरों का खंडन किया है.


'इस तरह की खबरें सिर्फ मनोरंजन के लिए होती हैं'


उन्होंने न सिर्फ इन खबरों को नकार दिया बल्कि कहा कि इस तरह की खबरें सिर्फ मनोरंजन के लिए होती हैं और इसे वहीं तक सीमित रखना चाहिए. शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी इसे लेकर संपादकीय छप चुकी है. लेकिन, खबरों का अब खंडन खुद भागवत ने ही कर दिया है.


'बेदाग छवि वाले किसी व्यक्ति को इस पद पर होना चाहिए'


इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रपति पद के लिए अच्छी पसंद होंगे. राउत ने कहा, ‘यह देश में शीर्षतम पद है. बेदाग छवि वाले किसी व्यक्ति को इस पद पर होना चाहिए. हमने सुना है कि राष्ट्रपति पद के लिए भागवत के नाम पर विचार चल रहा है.’


देश के नए राष्ट्रपति को चुनने का समय नजदीक आ रहा है


शिवसेना के सांसद ने कहा, ‘यदि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है तो भागवत राष्ट्रपति के पद के लिए अच्छी पसंद होंगे. लेकिन उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला उद्धव जी द्वारा किया जाएगा.’ इस बीच देश के नए राष्ट्रपति को चुनने का समय नजदीक आ रहा है.


प्रणव मुखर्जी ने 25 जुलाई, 2012 को राष्ट्रपति पद संभाला था


प्रणव मुखर्जी ने 25 जुलाई, 2012 को राष्ट्रपति पद संभाला था. राष्ट्रपति के चुनाव में दूसरे नंबर पर एनडीए की ओर से पीए संगमा थे. मुखर्जी को 7 लाख 13 हजार 763 वोट मिले थे जबकि संगमा को 3 लाख 15 हजार 987 वोट मिले थे.