वडोदरा: मोदी सरकार पर विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती रही हैं कि सरकार का रिमोट कंट्रोल आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) के पास है. नागपुर से सरकार के फैसले तय होते हैं. लेकिन अब खुद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस के पास कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है. सरकार में उनका कोई दखल नहीं है.
मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस रिमोर्ट कंट्रोल नहीं है और उसका लक्ष्य एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण है, जिसके मूल में हिन्दुत्व होना चाहिए. भागवत ने गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा के आरएसएस प्रचारकों की चार दिवसीय बैठक के समापन कार्यक्रम में यह बात कही.
उन्होंने कहा, ‘‘संघ का लक्ष्य एक सही नेता के साथ एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है, जिसके मूल में हिन्दुत्व हो.’’ भागवत ने कहा, ‘‘समाज में हिन्दुत्व विचाराधार के आधार पर सही तरह के बदलाव लाने की आवश्यकता है.’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज में सही बदलाव लाने का प्रयास करेगा ताकि एक सही नेता के हाथों से राष्ट्र मजबूत बन सके. उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
बीजेपी नीत एनडीए सरकार को निर्देश देने के विपक्षी दलों के आरोपों की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आरएसएस कोई रिमोट कंट्रोल नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘समाज में विभिन्न कारणों से संघ के बारे में कई गलत धारणाएं हैं और लोग संघ को और उसकी गतिविधियों के मूल को जाने बिना इसके बारे में बात करते रहते हैं.’’
भागवत ने कहा, ‘‘आरएसएस विश्व और भारत के समक्ष उपस्थित सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान एवं शांति के लिए है और हिन्दुत्व हिन्दुस्तान के मूल में है. यह इसकी पहचान है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दुत्व को किसी विशेष धर्म या समुदाय की विचाराधारा के रूप में देखना गलत है. संघ में जब कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा पर विश्वास कर प्रवेश करता है तो वह उसकी जाति या धर्म नहीं पूछता.’’