Bharat Bandh Highlights: भारत बंद का सबसे अधिक कहां रहा असर, जानिए किन राज्यों में कितना पड़ा प्रभाव?
Bharat Bandh 21 August Highlights: आरक्षण पर कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और उसे पलटने की वकालत करना है.
अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में विभिन्न दलित एवं आदिवासी संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत भारत बंद के दौरान बिहार की राजधानी पटना में कानून-व्यवस्था नियंत्रित करते समय एक प्रशासनिक अधिकारी पर पुलिस ने गलती से लाठी चला दी. पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यहां डाक बंगला चौराहे पर यातायात बाधित कर रहे प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक हटा दिये जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया.
‘भारत बंद’ का राजस्थान में मिला जुला असर देखा गया. राज्य की राजधानी जयपुर के साथ साथ अजमेर एवं कई शहरों में प्रमुख बाजार बंद रहे और सड़कों पर आवागमन अन्य दिनों की तुलना में कम रहा. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) यू आर साहू ने कहा,‘‘पूरे राज्य में एक-दो छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई. पुलिस एवं प्रशासन के साझा माकूल इंतजामों की वजह से बंद शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ.’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन की ओर से किए गए प्रयासों के कारण बंद शांतिपूर्ण रहा. उन्होंने कहा कि राज्य में बंद के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस-प्रशासन द्वारा आमजन के सहयोग तथा संगठनों के साथ समन्वय से विगत दिनों में लगातार प्रयास किए गए. बंद के आह्वान के मद्देनजर राज्य के कई हिस्सों में प्रमुख बाजार बंद रहे.
आरक्षण से संबंधित उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा बुधवार को बुलाए गए 'भारत बंद' का छत्तीसगढ़ में आंशिक असर रहा. एक दिवसीय 'भारत बंद' का असर राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों में देखने को मिला, जबकि शेष जगहों पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखा. सरगुजा संभाग के कुछ हिस्सों में, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी तथा धमतरी जिले में ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. दक्षिण छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सात जिलों में भी बंद का असर रहा. रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और कोरबा जैसे जिलों में बंद का आंशिक असर देखने को मिला. स्कूल, अस्पताल और अन्य आवश्यक सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया. परिवहन सेवाएं भी काफी हद तक अप्रभावित रहीं. दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में सर्व आदिवासी समाज (एसएएस) के सदस्यों द्वारा बंद के समर्थन में एक विशाल मोटरसाइकिल रैली निकाली गई. आदिवासी संगठनों के एक छत्र संगठन एसएएस की आदिवासी इलाकों में अच्छी उपस्थिति है. सर्व आदिवासी समाज के नेता बल्लू भवानी ने संवाददाताओं से कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ इस बंद का दंतेवाड़ा में अच्छा समर्थन मिला.
भारत बंद के बीच बुधवार को बिहार के गोपालगंज में जबरदस्त बवाल देखने को मिला. वहां सड़क को जाम कर तब गुंडागर्दी देखने को मिली जब एक बस में आग लगाने का प्रयास किया गया. इस दौरान काफी देर तक रोड बाधित रहा और आने-जाने वालों को दिक्कत का सामना करना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर और सब कैटेगरी सिस्टम लागू करने के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद है. बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है. इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम ने भारत बंद को विफल बताया. जफर इस्लाम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “भारत बंद का कोई असर नहीं है. देश की जनता और एससी-एसटी समुदाय के लोग जानते हैं कि अगर उनका कोई हितैषी है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. 10 सालों में उन्होंने जो काम किया है, वह पिछले 65 सालों में नहीं हुआ. यह सारे लोग जो राजनीति कर रहे हैं, वह बस राजनीति कर रहे हैं.”
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बुधवार को आहूत एक दिवसीय भारत बंद का झारखंड में मिलाजुला असर रहा. बंद के कारण सार्वजनिक परिवहन की बसें सड़कों से नदारद रहीं और स्कूल भी बंद हैं. एक अधिकारी ने बताया कि हड़ताल के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपना पलामू का दौरा रद्द कर दिया है. एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के पिछले एक अगस्त के फैसले के खिलाफ आज देश भर के 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है.
लखनऊ में भी भारत बंद को लेकर प्रदर्शन चल रहा है. यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, "विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों द्वारा बुलाये गये भारत बंद को लेकर व्यापक पुलिस बल लगाया गया है. हमारे अधिकारी संबंधित मजिस्ट्रेटों के साथ लगातार मैदान पर हैं. सभी स्थानों से पर्चे एकत्रित किये जा रहे हैं. पूरे उत्तर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है. कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. सभी दलों के प्रमुख लोगों से बातचीत हुई है और सभी ने आश्वासन दिया है कि किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं होगी. हम राज्य की जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि कानून-व्यवस्था दुरुस्त रहेगी. किसी भी हालत में बिगड़ने नहीं दिया जाएगा."
पटना के डिप्टी एसपी अशोक कुमार सिंह ने कहा, "यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन नहीं था, उन्होंने कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ले ली. आम लोग यात्रा नहीं कर सके और हमने उन्हें (आंदोलनकारियों को) समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें समझ नहीं आया. उन्हें पीछे हटाने के लिए हमें हल्का बल प्रयोग करना पड़ा."
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पटना में रैली निकाली गई और भारत बंद का समर्थन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी भी की. हालांकि, कुछ ही देर में पुलिस वहां पहुंच गई और उसने लाठीचार्ज कर दिया. इसका वीडियो भी सामने आया है.
एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में आज देशव्यापी भारत बंद को लेकर केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह चौधरी ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी, जिसके बाद कानून मंत्री ने भी संसद में इसे स्पष्ट किया. कैबिनेट ने भी अपनी राय स्पष्ट की है तो अब कुछ भी नहीं बचा है."
उत्तर प्रदेश के भी कई शहरों में भारत बंद का असर दिख रहा है. यहां आगरा में लोगों ने सड़कों पर उतरकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया है. अंबेडकरनगर में लोगों ने जिला मुख्यालय पर जबरदस्त तरीके से प्रदर्शन किया है. देवरिया में सपा और बसपा समर्थक भी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बस्ती में भारत बंद समर्थकों ने घूम-घूमकर शहर की दुकानें बंद कराई हैं.
बिहार में भी भारत बंद की वजह से सेवाएं प्रभावित हुई हैं. कई जगहों पर सड़कों को ब्लॉक किया गया है. पटना में भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हैं. ऐसे ही मुजफ्फरपुर के विभिन्न चौक चौराहों पर विरोध प्रदर्शन हुआ है. आरक्षण को लेकर देशभर में जारी भारत बंद का असर भोजपुर में भी देखने को मिला है. यहां पर माले कार्यकर्ताओं का सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. दरभंगा जंक्शन पर भीम आर्मी समेत कई पार्टियों ने प्रदर्शन किया. वहीं, पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया है.
राजस्थान के जोधपुर में भारत बंद का असर दिखना शुरू हो गया है. सुबह से ही कई संगठन सड़कों पर उतर आए. जोधपुर व जोधपुर ग्रामीण के सारे सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूल, कोचिंग संस्थान तथा आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद हैं. कोटा में शराब की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है. टोंक में भी भारत बंद का असर दिख रहा है. यहां बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा हुआ है. जयपुर में भी बाजारों में सन्नाटा पसरा है. अलवर में भारत बंद को ध्यान में रखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है.
भारत बंद को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक और कांग्रेस के एससी विभाग के पूर्व अध्यक्ष नितिन राउत ने कहा, "जब देश में संविधान में बदलाव की भाषा बोली जा रही हो, जब केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस ने एससी-एसटी समुदाय के लिए 'फूट डालो और राज करो' की भूमिका निभाई हो. यह आरएसएस का छिपा हुआ एजेंडा था और यह सरकार उस एजेंडे को सामने लाने का प्रयास कर रही है, इसलिए ये भारत बंद बुलाया गया है."
झारखंड की राजधानी रांची समेत राज्य के कई प्रमुख शहरों में बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं. भारत बंद की वजह से रांची से आने-जाने वाली बसों की सेवाओं पर असर दिखा है. बस स्टैंड पर कुछ ही लोग नजर आ रहे हैं.
बिहार में भारत बंद का सबसे ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. यहां पर नेशनल हाइवे को ब्लॉक किया गया है, जबकि राजधानी पटना की सड़कों पर भी प्रदर्शनकारी उतर आए हैं. भारत बंद को आरजेडी और एलजेपी (आर) जैसे क्षेत्रीय दलों ने भी समर्थन दिया है. इस वजह से बिहार में सबसे ज्यादा प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारत बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, "आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है. ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा. शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है."
अखिलेश ने कहा, "बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करने वालों की मंशा सही होगी. सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा. जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं."
बिहार की राजधानी पटना में 'रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति' ने भारत बंद में हिस्सा लिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में समिति के सदस्यों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी की है.
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बंद का असर सबसे ज्यादा दिखने वाला है. इसलिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. राजस्थान के पांच जिलों में स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया गया है. राजस्थान में बंद का प्रभाव सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है.
बिहार के जहानाबाद में भारत बंद के समर्थकों ने उंटा में नेशनल हाइवे (एनएच) 83 को ब्लॉक कर दिया है. आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में 'आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति' आज एक दिवसीय भारत बंद कर रही है.
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यार्थियों का विरोध जारी है. मंगलवार रात लखनऊ में शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थी डटे रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि जब तक उनकी नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक वे डटे रहेंगे. उनका कहना है कि आरक्षण में घोटाला किया गया था.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भारत बंद का समर्थन किया है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, "बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि बीजेपी व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध लोगों में रोष व आक्रोश है."
मायावती ने कहा, "इसको लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने आदि की मांग की है. बंद को बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शान्तिपूर्ण तरीके से किए जाने की अपील भी की गई है. एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को बीजेपी, कांग्रेस व अन्य पार्टियां समझकर इसके साथ भी कोई खिलवाड़ न करें."
भारत बंद का असर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ज्यादा दिख सकता है. सबसे ज्यादा असर राजस्थान में दिखाई देने की उम्मीद की जा रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले समूह ने सभी व्यापारिक संगठनों से बाजार बंद रखने का आग्रह किया है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या बाजार वास्तव में बंद होंगे या क्या बंद का असर पूरे देश पर पड़ेगा क्योंकि बाजार समितियों की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.
बंद से पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस और प्राइवेट दफ्तरों में काम बाधित होने की आशंका है, लेकिन एम्बुलेंस सहित आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी. भारत बंद के आह्वान के बावजूद सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप चालू रहने वाले हैं. इसके अलावा, मेडिकल, पेयजल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, रेल सेवाएं और बिजली सेवाएं जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, किसी भी तनाव से बचने के लिए पुलिस को सभी जिलों में तैनाती बढ़ाने के लिए कहा गया है. डीजीपी यूआर साहू ने यह भी कहा कि भारत बंद को लेकर कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एसपी को भी निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने कहा, "हमने अपने अधिकारियों से बेहतर सहयोग की सुविधा के लिए बंद का आह्वान करने वाले समूहों के साथ-साथ बाजार संघों के साथ बैठकें आयोजित करने को कहा है."
'रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति' ने 21 अगस्त को भारत बंद बुलाया है. ये बंद सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी फैसले के खिलाफ बुलाया गया है. राजस्थान के एससी-एसटी समूहों ने बंद का समर्थन किया है.
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले का कई विपक्षी पार्टियों ने भी विरोध जताया था. यही वजह है कि आज बुलाए गए भारत बंद का समर्थन आरजेडी और झारखंड मुक्ति मोर्चा जैसी पार्टियों ने भी किया है.
भारत बंद को देखते हुए राजस्थान में स्कूल बंद कर दिए गए हैं. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार (21 अगस्त) को भारत बंद की घोषणा की है.
बैकग्राउंड
Bharat Bandh 21 August Highlights: सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुसूचित जातियों के उप-वर्गीकरण के बारे में दिए फैसले के खिलाफ कुछ दलित और आदिवासी समूहों की तरफ से बुलाए गए एक दिन के भारत बंद का सबसे अधिक असर बिहार और झारखंड में देखने को मिला. बुधवार (21 अगस्त, 2024) को इन दोनों राज्यों के साथ कुछ और प्रदेशों के आदिवासी इलाकों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. रेल और सड़क बाधित करने वाले प्रदर्शनकारियों को पुलिस को तितर-बितर करने के लिए पटना, दरभंगा और बेगूसराय सहित बिहार के कई जिलों में लाठीचार्ज किया और पानी की बौछारें छोड़नी पड़ीं, जबकि झारखंड और ओडिशा में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं. हालांकि, देश के अन्य भागों में इसका प्रभाव मिला-जुला रहा.
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