Farmers Protest Live Updates: 12 दिसंबर तक दिल्ली-जयपुर हाईवे रहेगा सील, किसान नेता बोले- दोबारा प्रस्ताव आए तो करेंगे विचार
Farmers Protest 9 December 2020 LIVE Updates: नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की तरफ से मंगलवार को बुलाया गया भारत बंद शांतिपूर्ण रहा और इसका देशव्यापी असर देखने को मिला. मंगलवार देर रात 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात बेनतीजा रही. अचानक हुई बैठक में किसी हल की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन किसान नेता अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है कि कानून वापस नहीं होंगे. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों पर केन्द्र सरकार की तरफ से बुधवार को किसान संगठनों को लिखित प्रस्ताव भेजा गया है. इस प्रस्ताव में किसानों की आपत्ति पर संशोधन करने की बात कही गई है. हालांकि, किसान संगठनों की तरफ से इस पर ऐतराज जताया गया है. इससे पहले मंगलवार को देशव्यापी भारत बंद किसान संगठनों की तरफ से बुलाया गया है. इसका देश के करीब सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया था. इसके बाद शाम को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया था. हालांकि, उसमें भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया था. किसान आंदोलन से जुड़ी पल-पल की अपडेट्स के लिए एबीपी न्यूज़ के साथ बने रहिए.
किसानों के प्रदर्शन का 14वां दिन
राजधानी दिल्ली में हजारों की संख्या में हरियाणा-पंजाब और देश के अन्य राज्यों से आए किसानों का आज 14वां दिन हैं. सरकार और किसानों के बीच अब कुल छह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इन बैठकों में दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान डटे हुए हैं. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार आंदोलन को खत्म करने कोशिश की जा रही है लेकिन किसान संगठन अपनी जिद पर अड़े हुए है कि सरकार इन तीनों ही कानूनों को वापस ले.
क्या है विरोध
गौरतलब है कि सितंबर महीने में मॉनसून सत्र के दौरान केन्द्र सरकार की तरफ से पास कराए गए तीन नए कानून- 1. मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, 2. आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और 3. किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 का किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. किसानों को डर है कि इससे एमसीपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सरकार उन्हें प्राइवेट कॉर्पोरेट के आगे छोड़ देगाी. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार ये कहा जा रहा है कि देश में मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. लेकिन, किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.