Kisan Andolan 2.0: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को वैध बनाने सहित कई अधूरी मांगों को लेकर एक तरफ जहां किसान दिल्ली कूच करने का प्रयास कर रहे हैं तो वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और अन्य किसान समूहों ने शुक्रवार (16 फरवरी) को 'ग्रामीण भारत बंद' या देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया. इसकी वजह से देश भर में अधिकारियों और स्कूली बच्चों सहित यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है.


संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी समान विचारधारा वाले किसान संगठनों से एकजुट होने और 16 फरवरी के ग्रामीण भारत बंद में भाग लेने का भी आग्रह किया. ग्रामीण भारत बंद सुबह 6 बजे से शुरू होकर शाम 4 बजे तक रहने वाला है. किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर की प्रमुख सड़कों पर 'चक्का जाम' में शामिल होंगे.


क्या बैंक, स्कूल, ऑफिस भी रहेंगे बंद?


16 फरवरी को किसान यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण परिवहन, कृषि गतिविधियां, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण कार्य, निजी कार्यालय, गांव की दुकानें और ग्रामीण औद्योगिक और सेवा क्षेत्र के संस्थान बंद रहने की उम्मीद है. हड़ताल से सड़कें और परिवहन बाधित होने की संभावना है, जिससे संभवतः ट्रैफिक जाम हो सकता है. फिलहाल स्कूलों की छुट्टियों की घोषणा नहीं की गई है.


बैंकों ने सेवाओं में व्यवधान के बारे में कोई घोषणा नहीं की है. भारतीय रिजर्व बैंक के अवकाश मैट्रिक्स में यह भी कहा गया है कि बैंक खुले रहेंगे. इसके साथ ही हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाएं प्रभावित होने की संभावना नहीं है.


भारत बंद का ये लोग कर रहे समर्थन


कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों ने ग्रामीण भारत बंद को अपना समर्थन दिया है. इसके अलावा, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक, इतिहासकार इरफान हबीब, आर्थिक इतिहासकार नासिर तैयबजी, सांस्कृतिक कार्यकर्ता अनिल चंद्रा और पत्रकार पी साईनाथ उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने लोगों से किसानों और श्रमिकों की "इस महत्वपूर्ण कार्रवाई को पूरा समर्थन देने" की अपील करते हुए संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए.


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