Kisan Andolan Bharat Bandh Highlights: 'जो संभव है सब करेंगे', किसान आंदोलन के बीच बोले कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा
Kisan Andolan Bharat Bandh: किसानों ने शुक्रवार को भारत बंद बुलाया था. किसान अपनी मांगों पर अड़े हैं. एमएसपी पर कानून समेत कई मांगों को सरकार के सामने रखा गया है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उम्मीद जताई है कि रविवार को होने वाली बैठक में समाधान निकलेगा. उन्होंने शुक्रवार को कहा, "अगर हम शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत को आगे बढ़ाएंगे तो हम निश्चित रूप से किसी नतीजे पर पहुंचेंगे. मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे.''
उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने शुक्रवार को कहा कि किसान आंदोलन के लंबा चलने से उत्तरी राज्यों में व्यापार और उद्योग को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उद्योग मंडल ने कहा है कि किसान आंदोलन से रोजगार को भारी नुकसान होने की आशंका है और इससे प्रतिदिन 500 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान होगा.
हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को कई किसानों का वीडियो जारी किया, जिसमें उन्हें अंबाला के पास शंभू सीमा पर पथराव करते और सुरक्षा कर्मियों को उकसाने का प्रयास करते देखा गया है. पुलिस ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि किसानों के आंदोलन की आड़ में उपद्रव की इजाजत नहीं दी जा सकती. इस बीच दिल्ली चलो आह्वान का नेतृत्व कर रहे किसान नेताओं ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़कर और रबड़ की गोलियां चलाकर उनके खिलाफ बल का इस्तेमाल किया, जिससे कई लोग घायल हो गए.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने शंभू बार्डर पर प्रदर्शनकारी गुरदासपुर के किसान सरदार ज्ञान सिंह की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट बीजेपी से इलेक्टोरल बॉन्ड के साथ-साथ किसान आंदोलनों में हुई किसानों की मौत का भी हिसाब मांगे. किसान देश का अन्नदाता हैं, देश की अर्थव्यवस्था में कृषि रीढ़ है. जीवन देने वाले किसानों का अपमान जनता बर्दाश्त नहीं करेगी. किसानों के आक्रोश की आंधी में बीजेपी सरकार का अंत का समय अब आ गया है."
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई है. किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "इलेक्टोरल बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा असंवैधानिक घोषित किये जाने से किसान आंदोलन के अंदर एक नई ऊर्जा आई है, क्योंकि इन तथाकथित राजनीतिक चंदों के नाम पर जो लोग पिछले दरवाजे से बीजेपी की हथेली गरम करके खेती-किसानी से जुड़े कारोबारों पर कब्जा करके अपना व्यापारिक स्वार्थ साधना चाहते थे, अब वो बीजेपी को चंदा नहीं देंगे. बीजेपी पैसे के लालच में गांव, गरीब, किसान, मजदूर का जो हक मार रही थी, वो सब अब धीरे-धीरे खत्म होगा."
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कार्डियक अरेस्ट के कारण एक बुजुर्ग किसान के निधन पर कहा, "हमारे आंदोलन के शहीद सिर्फ एक संगठन या परिवार से नहीं हैं. जब कोई देश के लिए अपने जीवन बलिदान करता है, तो वह सभी का होता है. आज, हमने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मेरा अनुरोध है कि सभी किसान अंतिम संस्कार समारोह में शामिल हों."
केंद्रीय मंत्री कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि किसी भी समाधान को बातचीत से सुलझा सकते हैं. उन्होंने कहा, "हमारे देश के किसान हमारे परिवार के हैं और उनके लिए जो हो सकता है हम वो काम कर रहे हैं. हम बातचीत का दौर जारी रखेंगे, जब तक कोई समाधान न निकल जाए." कृषि मंत्री बोले, तीसरी दौर की बातचीत हुई है, हमने सब विषयों पर चर्चा की और किसानों की मांगों को सुना. हम किसान संगठन के साथ बातचीत कर रहे हैं, इसे राजनीतिक दृष्टि से न देखे और अगर कांग्रेस इसे राजनीतिक दृष्टि से देख रही है तो वह अपना टाइम भी याद करे जब उनकी सरकार तब उन्होंने क्या किया."
कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस के कथित बल प्रयोग की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत किसानों की सभी मांगें स्वीकार करनी चाहिए. दो साल से ज्यादा समय होने पर भी मोदी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए."
पंजाब के किसान दिल्ली कूच की जिद लिए हजारों की संख्या में शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा हैं. दूसरी तरफ हरियाणा में उन्हें रोकने की जद्दोजहद में लगे हैं. इसी रस्साकशी में आज भी शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के शेल्स छोड़े गए, जिनसे कई किसानों को चोटें भी आ रही हैं. घायल किसानों के प्राथमिकी उपचार के लिए जगह-जगह पर यूनाइटेड सिख, खालसा एड और कई प्राइवेट मेडिकल संस्था से जुड़े मेडिकल स्टॉल लगे हैं. इन स्टालों पर बड़ी संख्या में किसान और इस प्रदर्शन में शामिल होने आए युवा इन स्टालों पर आ रहें हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "चंडीगढ़ में कल तीसरे दौर की बैठक बेनतीजा रहा. हमारे खिलाफ ताकत का इस्तेमाल किया जा रहा है. हम सरकार से वही मांग रहे हैं, जो हमसे वादा किया गया था. सरकार कहती है कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब का है, अगर सिर्फ पंजाब का है तो हरियाणा बॉर्डर खोल दो, राजस्थान बॉर्डर खोल दो, यूपी बॉर्डर खोल दो. सरकार मीटिंग कर यह दर्शाना चाहते हैं कि केवल पंजाब के किसान प्रदर्शन कर रहे."
हरियाणा में किसानों ने कुरुक्षेत्र राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया. कई किसान संगठनों की ओर से चल रहे विरोध प्रदर्शन के प्रति समर्थन दिखाने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों ने आज तीन घंटे के लिए एक टोल प्लाजा के पास जमा हुए.
किसान के साथ बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''किसानों से चर्चा के लिए अगला दिन रविवार तय किया गया है. मुझे उम्मीद है कि अगली चर्चा सकारात्मक माहौल में होगी और हम किसानों के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे. पीएम मोदी ने किसानों के लिए कई कदम उठाए हैं."
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा दिए गए 'भारत बंद' की अपील पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. टिकैत ने कहा, हम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने, किसानों की कर्ज माफी आदि मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी दिल्ली जाने की कोई योजना है, टिकैत ने कहा, 'शनिवार को सिसौली (मुजफ्फरनगर) में एक मासिक पंचायत है, उसमें आगे की रणनीति तय करेंगे.
ऑल इंडिया किसान कांग्रेस चेयरमैन सुखपाल सिंह ने कहा, एक तरफ से उनको पीट रहे हैं. दूसरी तरफ किसानों को बातचीत के लिए बुला रहे हैं. फिर भी किसान बातचीत के लिए रात 1 बजे जा रहे हैं. किसान कभी बात से पीछे नहीं हटे. मेरा मानना है कि देश की सरकार अपने वादों से पीछे हट रही है. किसानों ने एक महीने पहले आंदोलन का ऐलान किया, आपको तब बात करनी चाहिए थी. पिछले आंदोलन में 600 से ज्यादा किसान मर गए लेकिन बीजेपी सरकार ने एक भी शब्द नहीं बोला.
भारत बंद का असर पंजाब के फिरोजपुर में भी दिखा. यहां प्राइवेट और सरकारी बसों के यूनियन की तरफ से बसें नहीं चलाई गईं. यूनियन ने कहा कि किसानों के साथ केंद्र का व्यवहार गलत है. केंद्र को किसानों की मांगे माननी चाहिए. फिरोजपुर में शुक्रवार को दुकानें और पेट्रोल पंप भी बंद रहे.
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान की मौत के मामले में अखिलेश सरकार ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी गुरदासपुर के सरदार ज्ञान सिंह की मौत बेहद दुखद समाचार है. श्रद्धांजलि! सुप्रीम कोर्ट भाजपा से इलेक्टोरल बॉन्ड के साथ-साथ किसान आंदोलनों में हुई किसानों की मौत का हिसाब भी मांगे. जीवन देनेवाले का जीवन लेनेवाले लोगों का अब अंत समय आ गया है…
Sarwan singh pandher: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दावा किया है कि आंदोलन में अब तक 400 से ज्यादा किसान घायल हुए हैं.उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ पूरी ताकत का इस्तेमाल हो रहा है. हमने इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाया है. हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स बंद किए जा रहे हैं. हमें एंटी नेशनल कहा जा रहा है. हमारे 70 यूट्यूब चैनल बंद किए गए हैं. सरकार हमारी आवाज तो बंद करना चाह रही है. हम दिल्ली जाने के फैसले पर कायम हैं.
किसान नेता ने कहा कि सरकार डरा धमकाकर किसानों की आवाज दबाना चाहती है. हम एमएसपी पर कानून चाहते हैं. अगर सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती है, तो आंदोलन और बढ़ेगा. टिकैत ने सरकार और उद्योगपतियों के बीच मिलीभगत का आरोप भी लगाया.
शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प की खबर आ रही है. पुलिस ने एक वीडियो जारी किया है. इसमें प्रदर्शनकारी किसान सुरक्षाबलों पर पथराव करते नजर आ रहे हैं. इससे पहले बुधवार को भी शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई थी. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे थे. इससे किसानों में अफरा तफरी मच गई थी.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ हर मांग पर लंबी चर्चा हुई. हम चाहते हैं कि हर एक मांग पर चर्चा हो. किसानों की तरफ से बातचीत के लिए 14 लोग गए थे. जल्द से जल्द हम अपना फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल बनाएंगे. रविवार को सरकार के साथ अगली वार्ता होगी. हमारे साथ देश के लोग और किसान, मजदूर हैं.
किसान संगठनों ने हरियाणा में शुक्रवार को दोपहर 12 से शाम तीन बजे तक सभी ट्रोल फ्री कराने की बात कही है. उन्होंने कहा कि शनिवार को तहसील स्तर पर ट्रैक्टर ट्राली रैली निकाली जाएगी.
इससे पहले गुरुवार शाम को किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक हुई. बैठक में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सकारात्मक वातावरण में किसानों के साथ बातचीत हुई. अगली बैठक रविवार को चंडीगढ़ में है. हम मिलकर शांति से नतीजा निकालेंगे.
भारत बंद का असर यूपी में भी दिख सकता है. किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से अपील की है कि वे शुक्रवार को खेतों में काम न करें. भारतीय किसान यूनियन ने 10 पॉइंट बनाकर धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया है. मजदूरों के हड़ताल पर जाने से निर्माण कार्य प्रभावित रह सकते हैं.
किसानों के भारत बंद का सबसे ज्यादा असर पंजाब में देखने को मिल सकता है. किसान संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि 16 फरवरी को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक गांवों में बंद रखा जाएगा. इस दौरान खेती और मनरेगा से जुड़े कामकाज बंद रहेंगे. कोई किसान, मजदूर काम पर नहीं जाएगा. इस दौरान सब्जियों व अन्य फसलों की सप्लाई और खरीद भी बंद रहेगी. गांवों की सभी दुकानें, अनाज मंडी, सब्जी मंडी, सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर, ग्रामीण औद्योगिक व सेवा क्षेत्र के संस्थान बंद रहेंगे. इसके अलावा सड़कों पर आम पब्लिक और प्राइवेट ट्रांसपोर्ट के चक्का जाम रहेंगे. हाालांकि, इमरजेंसी सेवाएं खुली रहेंगी. दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किसान चक्का जाम में हिस्सा लेंगे.
किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का दिल्ली पर असर पड़ने की उम्मीद कम हैं. दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने भारत बंद से खुद को अलग कर लिया है. व्यापारी संगठनों का कहना है कि शुक्रवार को दिल्ली के सभी 700 बाजार और 56 औद्योगिक क्षेत्र खुले रहेंगे.
भारतीय किसान यूनियन नेता पवन खटाना ने पीटीआई से बातचीत में कहा, किसानों से अपील की गई है कि वे खेतों में काम न करें या किसी भी खरीदारी के लिए बाजार न जाएं. व्यापारियों और ट्रांसपोर्टरों से भी कल की हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है.
किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर नोएडा में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. पुलिस ने कहा कि संयुक्त किसान संगठन और विभिन्न संगठनों द्वारा शुक्रवार को विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए धारा 144 लागू की गई है. आदेश के मुताबिक, पांच या इससे अधिक लोगों की गैरकानूनी सभा, राजनीतिक या धार्मिक सहित अनधिकृत जुलूस या प्रदर्शन पर रोक रहेगी. यातायात असुविधा से बचने के लिए दिल्ली जाने वाले लोग जितना संभव हो सके मेट्रो का इस्तेमाल करें. ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के रास्ते यमुना एक्सप्रेसवे से दिल्ली जाने और परी चौक के रास्ते सिरसा से सूरजपुर जाने वाले मार्ग पर सभी प्रकार के मालवाहक वाहनों का आगमन प्रतिबंधित रहेगा.
बैकग्राउंड
MSP पर कानून समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को भारत बंद बुलाया. संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी समान विचारधारा वाले किसान संगठनों से एक साथ आने और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद का हिस्सा बनने की अपील की थी.
किसानों के भारत बंद को देखते हुए नोएडा में धारा 144 लागू की गई. पुलिस ने दिल्ली जाने और आने वाले यात्रियों को नोएडा में किए गए यातायात परिवर्तन का पालन करने की अपील की थी और लोगों से असुविधा से बचने के लिए मेट्रो सेवाओं का इस्तेमाल करने की अपील की थी.
भारत बंद की अपील ऐसे वक्त पर आई जब हजारों किसानों ने दिल्ली में घुसने के लिए राजधानी की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है. पंजाब और हरियाणा से मार्च करते पहुंचे इन किसानों को अंबाला के पास सीमा पर रोक दिया गया है, जो दिल्ली से 200 किलोमीटर दूर है. हरियाणा में सुरक्षा बल किसानों को तितर-बितर करने की कोशिश में उन पर आंसू गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं. किसान संगठनों ने सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भारत बंद बुलाया था.
कहां-कहां भारत बंद का असर?
- ट्रांसपोर्ट
- कृषि कार्य
- मनरेगा के तहत कामकाज
- प्राइवेट दफ्तर
- गांव में दुकानें
- रूरल इंडस्ट्रियल
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