नई दिल्ली: SC-ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ सवर्णों के करीब 35 संगठनों ने आज भारत बंद का एलान किया है. भारत बंद के मद्देनदर सुरक्षा व्यवस्था के जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं. सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में मध्य प्रदेश है. वहीं बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए हैं. मध्यप्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है, इसके साथ ही 18 जिलों में धारा 144 लागू लगाई गई है. पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी बंद को देखते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है.
बंद के मद्देनजर एमपी में सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. सीबीएसई और एमपी शिक्षा मंडल ने छुट्टी का एलन किया है. हिंसा की आशंका के मद्देनजर सुबह 10 से शाम 4 बजे तक पेट्रोल पंप भी बंद करने का एलान किया गया है. सबसे ज्यादा असर वाले मध्यप्रदेश में पुलिस की 34 अतिरिक्त बटालियन तैनात की गई है.
शिवराज सिंह चौहान ने की शांति बनाए रखने की अपील
बंद को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. शिवराज सिंह चौहान ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, ''हमारा मध्यप्रदेश शांति का टापू है, मैं पूरे मध्यप्रदेश की जनता से प्रार्थना करना चाहता हूं कि इस शांति को किसी की नजर ना लग जाए. हर नागरिक के लिए मेरे दिल का द्वार खुला हुआ है.'' वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. एक तरफ जहां हिंसा की संभावना जताई जा रही है वहीं दूसरी ओर बंद के लिए गांधीगीरि भी देखने को मिली. एमपी के मुरैना में फूल देकर लोगों से बंद के दौरान सहयोग करने की अपील की गई.
बीजेपी में कानून को लेकर बंटी राय
केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र ने कल कानून पर निजी राय रखते हुए कहा कि जमीन पर एससी-एसटी एक्ट का दुरूपयोग हो रहा है. इससे लोगों के अंदर असमानता का भाव पैदा हो रहा है. अधिकारी भी डर रहे हैं कि अगर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो कार्यवाही हो जाएगी. फर्जी मुकदमों में लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''पक्ष और विपक्ष का मुद्दा नहीं है, कानून के दुरुपयोग को रोकने के पक्ष में हूं मैं, सभी दल के नेता अपने यहां के फीडबैक को लें, सभी दल समाधान को लेकर विचार करें.''
बीजेपी की सफाई- ये उनकी निजी राय
एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ बीजेपी के भीतर उठ रही आवाज पर पार्टी ने सफाई दी है. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री और बीजेपी नेता विजय सांपला ने कहा कि किसी व्यक्ति की निजी राय मायने नहीं रखती है. उन्होंने कहा, ''बयान उनकी निजी राय हो सकती है. संसद में सभी ने कानून के समर्थन में वोट किया. जब संसद ने बिल पास किया है तो किसी की निजी राय कोई मायने नहीं रखती है.''
क्यों हो रहा है बवाल?
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एससी/एसटी एक्ट में बड़ा बदलाव करते हुए कहा था कि इसके अंतर्गत नामजद आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मंजूरी अनिवार्य होगी. इसके अलावा एक पुलिस उपाधीक्षक यह जानने के लिए प्रांरभिक जांच कर सकता है कि मामला इस अधिनियम के अंतर्गत आता है या नहीं.
विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार पर आरोप लगाए थे की सरकार ने कोर्ट में दलील ठीक ढ़ंग से नहीं रखी जिसकी वजह से कानून कमजोर हुआ अब फिर दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ेंगे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दो अप्रैल को दलितों ने भारत बंद बुलाया था इस दौरान जमकर हिंसा हुई थी.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आने वाले बीजेपी सांसदों ने भी विरोध में आवाज उठाई थी और अपनी ही सरकार से कहा था कि सरकार अध्यादेश लाकर कानून को पूर्ववत लागू करे. जिसके बाद मोदी सरकार ने एससी/एसटी एक्ट को पूर्ववत लागू करने के लिए संसोधन विधेयक लोकसभा और राज्यसभा से पास कराया. अब इसके विरोध में सवर्ण वर्ग ने आवाज उठानी शुरू कर दी है.