भारत बायोटेक ने 'कोवैक्सीन' के उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से 100 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मांगी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भी अपनी वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत आर्थिक सहायता मांगी है. भारत बायोटेक फिलहाल अपने हैदराबाद स्थित प्लांट में हर महीने 'कोवैक्सीन' की 4 मिलियन डोज का उत्पादन कर रहा है.
सरकार के जरिए वैक्सीन के उत्पादन और उसमें बढ़ोत्तरी के लिए गठित मंत्रियों के पैनल ने भारत बायोटेक की निर्माण क्षमता की समीक्षा की थी.वहीं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाकर इस महीने के अंत तक 100 मिलियन डोज बनाने के लक्ष्य को पूरा करना चाहता है. मंत्रियों के पैनल ने वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने को लेकर इसी महीने SII के पुणे स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का दौरा किया था.
क्या है कोविड सुरक्षा स्कीम?
भारत सरकार ने नवंबर 2020 में कोविड सुरक्षा मिशन की शुरुआत की थी. बायोटेक विभाग को कोविड सुरक्षा मिशन के तहत वैक्सीन के विकास और अन्य रिसर्च के काम के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराई गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था, 'कोविड सुरक्षा मिशन के तहत भारतीय कोविड वैक्सीन के विकास के लिए बायोटेक विभाग को 900 करोड़ रुपये दिए गए हैं.'
बायोटेक विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने बताया कि सरकार वैक्सीन की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए भारत बायोटेक और SII दोनों को ही आर्थिक कोविड सुरक्षा स्कीम के अंतर्गत आर्थिक सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है. स्वरूप ने इस बात पर जोर दिया कि इस स्कीम का मुख्य मकसद कोरोना वैक्सीन की रिसर्च और उसके विकास के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है.
महाराष्ट्र सरकार ने मांगी है कोवैक्सीन के निर्माण की अनुमति
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुंबई में स्थित हैफकिन बायो फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड को भी कोवैक्सीन के निर्माण की अनुमति देने का आग्रह किया. देश के कई राज्यों में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की थी. ठाकरे ने इस दौरान प्रधानमंत्री से ये आग्रह किया था. उन्होंने कहा, 'हम हैफकिन के साथ मिलकर 126 मिलियन टीके का उत्पादन कर सकते हैं.'
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश तोपे ने कहा, 'हमने मांग की है कि अगर भारत बायोटेक (जो कोवैक्सीन का निर्माण करता है) द्वारा हैफकिन संस्थान को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण किया जा सकता है, तो हम इसका निर्माण स्वयं भी कर सकते हैं.'
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