Bharat Biotech Vaccine: भारत बायोटेक ने इंट्रानैसल हेटेरोलॉगस बूस्टर (Intranasal Heterologous Booster) के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) के पासमार्केट ऑथराइजेशन के लिए आवेदन भेजा है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कंपनी ने 5-18 आयु वर्ग में इंट्रानैसल वैक्सीन के तीसरे चरण के अध्ययन के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की अनुमति भी मांगी है.
फाइव आर्म्स वाली हेटेरोलॉगस इंट्रानैसल बूस्टर खुराक का मतलब है- आर्म 1: 2 कोवैक्सीन-बूस्टर कोवैक्सीन, आर्म 2: 2 कोवैक्सीन-बूस्टर I/N वैक्सीन, आर्म 3: 2 कोविशील्ड-बूस्टर कोविशील्ड, आर्म 4: 2 कोविशील्ड-बूस्टर I/N एन वैक्सीन, आर्म 5: 2 इंट्रानैसल-बूस्टर इंट्रानैसल. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मंगलवार को ही भारत बायोटेक को इंट्रानैसल वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) दिया है.
नैसल वैक्सीन को मिल चुकी है मंजूरी
भारत बायोटेक ने कहा कि कंपनी को iNCOVACC (BBV154) को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के तहत अनुमोदन प्राप्त हुआ है. इस वैक्सीन का मूल्यांकन चरण I, II और III नैदानिक परीक्षणों में सफल परिणामों के साथ किया गया था. iNCOVACC को विशेष रूप से नाक की बूंदों के माध्यम से इंट्रानैसल डिलीवरी के लिए तैयार किया गया है.
भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एला ने कहा कि हमें इंट्रानैसल वैक्सीन तकनीक और डिलीवरी सिस्टम में वैश्विक गेम चेंजर iNCOVACC की मंजूरी की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है. हम स्वास्थ्य मंत्रालय, सीडीएससीओ, भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और वाशिंगटन विश्वविद्यालय सेंट लुइस को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देते हैं. iNCOVACC को कुशल वितरण और आसान प्रशासन के लिए डिजाइन किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी दिया था बयान
भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन के लिए डीसीजीआई से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिलने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बीते मंगलवार को कहा था कि ये कोरोना के लिए भारत का पहला नाक का टीका होगा. उन्होंने कहा था कि 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के प्राथमिक टीकाकरण के लिए नियामक ने आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए टीके को मंजूरी दी है. बता दें कि, नैसल वैक्सीन नाक (Nasal Vaccine) के माध्यम से दी जाती है. वैक्सीन को या तो एक विशिष्ट नाक स्प्रे के जरिए या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है.
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