नई दिल्लीः कोरोना के सफल इलाज के लिए भारत बायोटेक लगातार स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन पर काम कर रहा है. हाल ही में भारत बायोटेक ने कोवाक्सिन के तीसरे फेज के क्लिनिकल परीक्षण के लिए 23 हजार वॉलंटियर की भर्ती कर ली है. कंपनी का टारगेट 26 हजार वॉलंटियर पर कोवाक्सिन के तीसरे फेज का परीक्षण करने का है.
पहले और दूसरे फेज में मिली सफलता
भारत बायोटेक की ओर से एक बयान जारी करते हुए बताया गया कि पहले और दूसरे फेज में 1000 से ज्यादा विषयों को ध्यान में रख कर कोवैक्सिन का परिक्षण किया गया है. जिन क्लिनिकल परीक्षणों में आशाजनक सुरक्षा और प्रतिरक्षात्मक परिणाम मिलने के बाद तीसरे चरण की शुरुआत की गई है.
नवंबर से शुरू हुआ तीसरा फेज
भारत बायोटेक के अनुसार साफ कर दिया है कि कोवाक्सिन का तीसरे फेज का मानव परीक्षण नवंबर के मध्य में शुरू हुआ, जिसे पूरे भारत में 26,000 वॉलंटियर पर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. यह एक COVID-19 वैक्सीन के लिए भारत का पहला और एकमात्र तीसरे चरण तक पहुंचा प्रभावकारी अध्ययन है. इसके साथ यह भी बताया गया है कि यह भारत में किसी भी वैक्सीन के लिए अब तक का सबसे बड़ा तीसरे फेज का प्रभावकारी परीक्षण है.
ICMR और NIV कर रहे निर्माण
भारत बायोटेक के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने हर उस वॉलंटियर को धन्यवाद दिया, जिसने इस परीक्षण में भाग लेने के लिए समय निकाला है. बता दें कि भारत बायोटेक की ओर से भारत की स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन कोवाक्सिन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है.
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