हैदराबाद: कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन की 55 लाख खुराकों की आपूर्ति के लिए सरकार से ऑर्डर प्राप्त करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर टीका लगवाने के बाद किसी को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होते हैं, तो उसे कंपनी मुआवजा देगी. टीका लगवाने वाले लोगों द्वारा जिस फॉर्म पर हस्ताक्षर किये जाने हैं, उस पर भारत बायोटेक ने कहा, ''किसी प्रतिकूल या गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में आपको सरकारी चिन्हित अधिकृत केंद्रों और अस्पतालों में चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त देखभाल प्रदान की जाएगी.''
एंटीडोट विकसित होने की पुष्टि हुई
सहमति पत्र के अनुसार, ''अगर टीके से गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होने की बात साबित होती है तो मुआवजा बीबीआईएल की तरफ से अदा किया जाएगा.'' कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में कोविड-19 के खिलाफ एंटीडोट विकसित होने की पुष्टि हुई है.
सावधानी है जरूरी
टीका निर्माता के मुताबिक टीके के क्लिनिकल रूप से प्रभावी होने का तथ्य अभी अंतिम रूप से स्थापित नहीं हो पाया है और इसके तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में इसका अध्ययन अभी किया जा रहा है. कहा गया है कि ''ये जान लेना आवश्यक है कि टीका लगाने का मतलब यह नहीं है कि कोविड-19 संबंधी अन्य सावधानियों को नहीं बरता जाए.''
मुआवजा देना कंपनी की जिम्मेदारी बनती है
इस क्षेत्र के एक विशेषज्ञ के मुताबिक चूंकि टीका अभी क्लिनिकल ट्रायल के चरण में ही है इसलिए यदि किसी को गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं तो मुआवजा देना कंपनी की जिम्मेदारी बनती है.
बीबीआईएल की संयुक्त प्रबंध निदेशक ने किया ट्वीट
इस बीच, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एल्ला ने ट्वीट किया कि, ''कोवैक्सीन और भारत बायोटेक, राष्ट्र और कोरोना योद्धाओं की सेवा करके सम्मानित और कृतज्ञ महसूस कर रहे हैं.''
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