Rahul Gandhi car attacked in West Bengal: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले पर बुधवार (31 जनवरी, 2023) को उनकी एसयूवी कार के पीछे का शीशा पूरी तरह से टूट गया था. खबर चली कि उनकी गाड़ी पर हमला हुआ. मामले पर कांग्रेस ने स्पष्टीकरण दिया है. 


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "गलत खबर को लेकर स्पष्टीकरण- पश्चिम बंगाल के मालदा में राहुल जी से मिलने अपार जनसमूह आया था. इस भीड़ में एक महिला राहुल जी से मिलने अचानक उनकी कार के आगे आ गई, इस वजह से अचानक ब्रेक लगाई गई. तभी सुरक्षा घेरे में इस्तेमाल किए जाने वाले रस्से से कार का शीशा टूट गया. जननायक राहुल गांधी जी जनता पर हो रहे अन्याय के खिलाफ न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं. जनता उनके साथ है, जनता उनको सुरक्षित रखे है."






क्या खबरें आईं सामने?


इससे पहले, अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया कि मालदा जिला के लभा पुल के पास न्याय यात्रा देखने के लिए हजारों की भीड़ जुटी थी. घटना उस वक्त हुई जब राहुल यात्रा में एक बस पर सवार थे. उनके काफिले की गाड़ी पर हुए हमले में काले रंग की एसयूवी के पीछे का पूरा शीश फूट गया.


कांग्रेस के नेताओं ने इसे बड़ी सुरक्षा चूक करार दिया है. बिहार से बंगाल में न्याय के फ्लैग ट्रांसफर की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने अखबार को आगे बताया, "सभी पुलिस वाले सीएम ममता बनर्जी की मालदा की आज की रैली में व्यस्त हैं. कुछ ही पुलिस वालों को इस सेरेमनी के लिए तैनात किया गया है."






पुलिस का दावा, 'भीड़ अधिक थी इसलिए...'


ऐसा बताया गया कि कटिहार से जैसे ही बंगाल में न्याय यात्रा फिर से प्रवेश हुई तब गांधी बस की छत पर थे और वहीं पर फ्लैग ट्रांसफर से जुड़ी रस्म पूरी की जा रही थी. स्थानीय पुलिस के एक कर्मचारी ने इस बारे में अखबार से कहा- राहुल गांधी की कार के पीछे इस दौरान भारी भीड़ थी. प्रेशर के चलते राहुल की काली टोयोटा कार के पीछे का कांच फूट गया.  






...तो TMC से था इस 'अनहोनी' का लिंक?


समाचार चैनल 'टीवी 9 बांग्ला' पर चले न्यूज फ्लैश के मुताबिक, यह घटना तब हुई जब राहुल गांधी के नेतृत्व वाली न्याय यात्रा का काफिला पश्चिम बंगाल के मालदा में था. सूत्रों की मानें तो कुछ अराजक तत्वों ने इस घटना को अंजाम दिया और इन अराजक तत्वों के सत्ताधारी पार्टी से कथित संबंध बताए गए. हालांकि,इस बारे में किसी प्रकार की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी.


31 जनवरी को फिर बंगाल में एंटर हुई न्याय यात्रा


दरअसल, बिहार में कटिहार से आगे बढ़ते हुए बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे के आस-पास राहुल गांधी के नेतृत्व में चलने वाली न्याय यात्रा मालदा के रास्ते पश्चिम बंगाल में प्रवेश हुई थी. कांग्रेस के पूर्व चीफ इस दौरान स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) की छत पर बैठे देखे गए थे, जो धीरे-धीरे शहर की मुख्य सड़कों से गुजर रहा था.


इजाजत न मिलने पर बदलना पड़ा था कांग्रेस को शेड्यूल


वैसे, इससे पहले पश्चिम बंगाल के प्रशासन ने राहुल गांधी को मालदा जिले के Bhaluka Irrigation Bungalow में रुकने की इजाजत नहीं दी थी. कांग्रेस को इसी वजह से शेड्यूल में फेरबदल करना पड़ा था और इससे पहले टीएमसी चीफ और सीएम ममता बनर्जी ने दावा किया था कि बंगाल में प्रस्तावित न्याय यात्रा के बारे में कांग्रेस की ओर से उन्हें कुछ भी नहीं बताया गया था.  


क्या न्याय यात्रा कांग्रेस के लिए साबित होगी मास्टरस्ट्रोक?


राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’’ 14 जनवरी, 2024 को मणिपुर से शुरू हुई थी. यात्रा के दौरान 67 दिनों में 6,713 किमी की दूरी तय की जाएगी जो कि 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी. लोकसभा चुनाव 2024 के पहले कांग्रेस पार्टी के लिए यह यात्रा मास्टरस्ट्रोक मानी जा रही है. हालांकि, इससे दल को कितना फायदा होगा? यह तो चुनावी नतीजों के बाद ही साफ होगा. 


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