Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत जोड़ो यात्रा के 11वें दिन रविवार को कहा कि सद्भाव के बिना कोई प्रगति नहीं है, प्रगति के बिना कोई रोजगार नहीं है और बिना रोजगार के कोई भविष्य नहीं है. राहुल गांधी ने ये बात वंदनम में पार्टी की 11वें दिन की यात्रा की समाप्ति पर कही. रविवार की यात्रा के समापन के दौरान राहुल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. 


उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी देश को धार्मिक और भाषाई आधार पर विभाजित कर रही है. राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री के करीबी गिने-चुने व्यवसायी अपने व्यवसाय पर एकाधिकार कर सकते हैं लेकिन एक आम आदमी को अभी भी कर्ज नहीं मिल पा रहा है. इस दौरान उन्होंने केरल की वामपंथी सरकार को भी निशाने पर लिया. 


केरल की सरकार भी है निशाने पर


राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट कर कहा कि अलप्पुझा ने मुझे कुछ नया दिखाया है-कुट्टनाड खेती की एक झलक, धान की खेती की तकनीक. उन्होंने कहा कि कुट्टनाड के किसानों से मैं मिला, ये किसान  पर्यावरण परिवर्तन के अलावा राज्य और केंद्र सरकार के असंवेदनशील रवैये से प्रभावित हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि मेरी यात्रा से उनको मदद मिलेगी और उनकी समस्याएं लोगों के सामने आएंगी.


उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस घर में भाई-भाई आपस में लड़ते हैं, वहां तरक्की नहीं हो सकती और यही बीजेपी हमारे देश के साथ कर रही है. वे दो या तीन बहुत अमीर लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के करीबी कुछ व्यवसायी किसी भी व्यावसायिक क्षेत्र में एकाधिकार कर सकते हैं. अगर वे सड़कें, बंदरगाह, हवाई अड्डे, कुछ भी चाहते हैं जिस पर वे एकाधिकार करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं.


'नफरत से नहीं ठीक हो सकती हैं समस्याएं'


राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री का दावा है कि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी, आम लोगों के सामने आने वाली समस्याओं को एक सेकंड के भीतर हल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन, मैं अपने लोगों से झूठ नहीं बोलना चाहता. ये जटिल मुद्दे हैं और यदि हमारा देश विभाजित है तो इनका समाधान नहीं किया जा सकता है. नफरत से न कभी सड़कें ठीक होंगी, न बेरोजगारी दूर होगी और न ही आवश्यक वस्तुओं के दाम कम होंगे.


कांग्रेस नेता ने कहा कि केरल की खूबसूरत भूमि से गुजरना, इसकी समृद्ध विविधताओं को देखना एक सीखने जैसा अनुभव था. गांधी ने बालू-खनन से प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात की जो 466 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 466 दिन के विरोध के दौरान हर दिन अनिश्चितता की स्थिति रही कि क्या उनकी जमीन, जीवन और आजीविका आने वाले समय में बेहतर होंगी. इन सभी लोगों के लिए मैंने चलने का संकल्प लिया है. इसका लक्ष्य उन्हें एक आवाज और उम्मीद देना है. यह उस चीज के लिए लड़ना है जिसके वे वास्तव में हकदार हैं.


कितनी दूरी तय कर चुकी है भारत जोड़ो यात्रा?


यात्रा अब तक 200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है. यह कल सुबह अलप्पुझा जिले के पुन्नपरा से फिर से शुरू होगी. गांधी की एक झलक पाने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोग सड़क के दोनों ओर उमड़ पड़े. यात्रा में शामिल लोग कार्मेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी पुन्नपरा में रुकेंगे, जो 3.4 किलोमीटर की दूरी पर है.


कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 150 दिनों में पूरी होगी और इसके तहत 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. पदयात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और जम्मू-कश्मीर में समाप्त होगी. दस सितंबर की शाम को केरल में प्रवेश करने वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ एक अक्टूबर को कर्नाटक में प्रवेश करने से पहले सात जिलों से होकर गुजरेगी. यात्रा 450 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए राज्य (केरल) के विभिन्न हिस्सों से गुजरेगी.


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