1000 kms of Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस (Congress) की 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) 7 सितंबर 2022 को तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कन्याकुमारी (Kanyakumari) से शुरू हुई थी. शनिवार (15 अक्टूबर) को यह 1,000 किलोमीटर का सफर तय कर लेगी. कांग्रेस की 3,500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा को एक ऐतिहासिक घटना के रूप में देखा जा रहा है. यह भारत के इतिहास (Indian History) में किसी भी राजनीतिक पार्टी (Political Party) की ओर से की जाने वाली सबसे लंबी पैदल यात्रा है.
गुजरात के साबरमती आश्रम से दांडी (नवासारी) के बीच किया गया महात्मा गांधी का दांडी मार्च (24 दिनों में 389 किलोमीटर) अभी तक का सबसे लंबी पदयात्रा था. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा अपना 1000 किलोमीटर का सफर कर्नाटक के बेल्लारी जिले के नजदीक पूरा करेगी, जहां भारी संख्या में पार्टी समर्थकों के साथ एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी की दिनचर्या
माना जा रहा है कि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल तमाम पदयात्री राहुल गांधी के जोश और उर्जा को देखकर प्रभावित हैं. पदयात्रा में विधायक, एमएलसी, ब्लॉक और जिला कांग्रेस समितियों के कार्यकर्ता और सहयोगी कर्मचारी शामिल हैं. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी जिस दिनचर्या का पालन पालन कर रहे हैं, वो कई पदयात्रियों को प्रेरित कर रहा हैं.
दिन भर में 20 मिनट का व्यायाम, हल्का नास्ता, फिर प्रतिदिन 25 किलोमीटर की कठिन पदयात्रा देश के तीन दक्षिणी राज्यों- तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक से गुजरते हुए 1000 किलीमीटर के पड़ाव तक पहुंच रही हैं. पदयात्रा इस मायने भी ऐतिहासिक हैं कि तेज धूप से लेकर बारिश में भी यात्रा निरंतर बढ़ रही हैं.
इतने लोग जुड़ रहे यात्रा से
आम लोग जिस तरह इस यात्रा में अपनी उपस्थिति दिखा रहे हैं, यह यात्रा के आयोजकों को आश्चर्य में डाल रहा है. तमिलनाडु में प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा लोग यात्रा में शामिल हुए. यह संख्या केरल में 1.25 लाख रही और कर्नाटक में शुक्रवार (14 अक्टूबर) तक प्रतिदिन करीब 1.50 लाख लोग यात्रा में शामिल हुए. जब यात्रा आंध्र प्रदेश में प्रवेश करेगी तो प्रतिदिन दो लाख से ज्यादा लोगों के जुड़ने का अनुमान है.
राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कर्नाटक के चामराजनगर जिले के बदनवालु गांव के पिछड़े इलाके में दलित क्वार्टरों को लिंगायत समुदाय से जोड़ने वाले रंगीन इंटरलॉकिंग टाइलों के साथ एक पथ का उद्घाटन किया. इस पथ को 'भारत जोड़ो’ नाम दिया गया. पथ को 48 घंटे के अंदर कांग्रेस की ओर से पुनर्निर्मित किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य समुदायों के बीच सद्भाव का संदेश है. राहुल गांधी ने कुछ गुलाबी और नीली टाइलें खुद भी बिछाईं, इस तरह एक कड़ी को फिर से खोल दिया जो लगभग तीन दशक पहले हिंसक परिस्थितियों में कट गई थी.
इन जातियों के लोगों से पहला बार मिला कोई राष्ट्रीय नेता
पदयात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में आदिवासी समुदायों की महिलाओं के साथ मुलाकात और बातचीत की. इनके जीवन को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, राहुल गांधी ने इस पर अपने विचार रखे. महिलाएं बंजारा, डक्कलिगा, सुदुगडु सिद्ध, डोंबारू, धोम्बी जाति से थीं. यह पहला था जब कोई राष्ट्रीय नेता इनसे मिलने आया. महिलाओं ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में आरती कर राहुल गांधी का स्वागत किया. फिर सम्मान में पारंपरिक नृत्य भी प्रस्तुत किया गया.
राहुल गांधी सांसद के रूप में निरंतर बेरोजगार युवाओं के लिए गहरी चिंता व्यक्त करते आ रहे हैं. उन्होंने यात्रा के दौरान कर्नाटक के 2000 से अधिक बेरोजगार युवाओं के साथ बातचीत करने का फैसला किया. चित्रदुर्ग जिले के चेल्लाकेरे में राहुल गांधी ने मुलाकात के दौरान उनकी ताकत, कौशल और उनकी बेरोजगारी के कारणों के बारे में चर्चा की. जीवन का नेतृत्व कैसे किया जाए और अपने परिवारों के लिये कैसे खड़ा रहा जाए, इस पर राहुल गांधी ने राय रखी.
यात्रा के दौरान इन लोगों से भी मिल रहे राहुल गांधी
दिन भर की पदयात्रा दो सत्रों में- सुबह 7 से 11 बजे और शाम 4 से शाम 7 बजे तक निर्धारित की गई है. यात्रा के दौरान लाखों लोग आ रहे हैं, इसलिए इस समय का निर्धारण किया गया है. बीच के समय में राहुल गांधी ने सुनिश्चित किया कि जीवन के सामान्य क्षेत्रों के अलग-अलग लोगों से मिलेंगे. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान विभिन्न बिंदुओं पर मछुआरे (अंतर्देशीय और समुद्री दोनों) निर्माण श्रमिक, शिक्षक, ग्राम स्तर के नेता से लेकर कुछ प्रमुख लोग, लेखक, विद्वान और बुद्धिजीवी लोगों से राहुल गांधी का मिलना हो रहा है. उनका दिन पांच बजे शुरू होकर रात 11 बजे खत्म होता है.
कई मायनों में, कुल 3,750 किलोमीटर में से पहले 1000 किलोमीटर के लिए भारत जोड़ो यात्रा ने 'भारत जोड़ो' (एकजुट भारत ) के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लिया है. यात्रा ने पर्याप्त रूप से चित्रित किया है कि भारत कितना विविधतापूर्ण देश है. भारत की विभिन्न जातियों, धर्म, भाषाओं, क्षेत्र और संस्कृतियों को एक बाग के रूप में देखा जा सकता है, जिसमें कई प्रकार के फूल हैं.
अब तक यात्रा का हासिल
इस पदयात्रा पर निकलने से पहले ही राहुल गांधी ने अपने यात्रा प्रबंधकों से कहा था कि वे यात्रा को इस तरह से आगे बढ़ाएं कि वास्तविक भारत को देखा जा सके. अब तक समाज के कई तबकों के लोगों से मिलने के बाद राहुल गांधी को लगता है कि यात्रा का उद्देश्य काफी हद तक साकार हो गया है. दिन-प्रतिदिन (1000 किलोमीटर के बाद) यात्रा होती जा रही हैं. पदयात्रा को अभी और कठिन इलाकों, अनियंत्रित मौसम और नई चुनौतियों से होकर गुजरना हैं.
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