Bharat Or India Issue: राष्ट्रपति भवन में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के डिनर का इनविटेशन 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' के नाम से भेजे जाने पर विवाद हो गया है. इसको लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) आमने-सामने आ गई हैं. इसके पीछे दोनों ही दल अपने-अपने तर्क दे रहे हैं. जहां एक ओर कांग्रेस इसे भारतीय संघवाद पर हमला बता रही तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस पर देश के प्रति सम्मान न रखने का आरोप लगाया है. 


दोनों पार्टियों के बीच जारी बहस के बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत या इंडिया को लेकर भारत संविधान क्या कहता है और प्राचीन काल से अब तक भारत के कितनी नाम रखे जा चुके हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है.


क्या कहता है भारत का संविधान?
भारतीय संविधान की प्रस्तावना में We, The People Of India शब्द लिखा है. हिंदी में इसका मतलब 'हम भारत के लोग' होता है. इसके अलावा संविधान के आर्टिकल 1 में  India, that is Bharat लिखा है. इसका मतलब है कि देश के दो नाम हैं. सरकार को  'गवर्नमेंट ऑफ इंडिया' भी कहते हैं और 'भारत सरकार' भी. इतना ही नहीं अंग्रेजी में भारत और इंडिया दोनों का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि हिंदी में भारत के साथ-साथ इंडिया कहा जाता है.


प्राचीनकाल से भारतभूमि के अलग-अलग नाम रहे हैं
गौरतलब है कि भारत का नाम प्राचीनकाल से अब तक कई बार बदला जा चुका है. हर दौर में भारतभूमि को अलग नाम से जाना जाता रहा है. प्राचीनकाल से अब तक देश को जम्बूद्वीप, भारतखंड, हिमवर्ष, अजनाभवर्ष, भारतवर्ष, आर्यावर्त, हिंद, हिंदुस्तान और इंडिया जैसे नाम मिल चुके हैं.


क्यो पड़ा भारत नाम?
आमतौर पर भारत के नाम के पीछे महाभारत के आदिपर्व में आई एक कथा है, जिसमें कहा गया है कि महर्षि विश्वामित्र और अप्सरा मेनका की बेटी शकुन्तला और पुरुवंशी राजा दुष्यन्त के बीच गान्धर्व विवाह हुई और इन दोनों के पुत्र का नाम 'भरत' था.  ऋषि कण्व ने आशीर्वाद दिया था कि भरत आगे चलकर चक्रवर्ती सम्राट बनेंगे और उनके नाम पर इस भूखण्ड का नाम भारत प्रसिद्ध होगा. ज्यादातर लोग मानते हैं कि भारत नाम के पीछे का कारण यह ही है.


सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है मामला
वैसे भारत नाम को लेकर विवाद नया नहीं है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. संविधान में दर्ज 'India, that is Bharat' को बदलकर केवल भारत करने की मांग उठी थी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी. याचिका में मांग की गई थी कोर्ट केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद-1 में बदलाव कर देश का नाम केवल भारत करने का निर्देश दे.


हालांकि, जून 2020 में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि संविधान में पहले से ही भारत का जिक्र है और संविधान में लिखा है 'इंडिया, डैट इज भारत. लिखा है.'


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