Swaminathan Report: स्वामीनाथन की रिपोर्ट कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से गायब होने की खबर का सरकार ने किया खंडन, कही ये बात
एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट के कृषि मंत्रालय की वेबसाइट से गायब होने की खबर का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने खंडन किया है. मंत्रालय का कहना है कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट वेबसाइट पर मौजूद है.
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उन खबरों का खंडन कर दिया है, जिसमें दावा किया गया था कि कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट कृषि और किसान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से गायब हो गई है.
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सीनियर एडवाइजर कंचन गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट कर इन खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा, एमएस स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है. उन्होंने इसकी लिंक भी शेयर की है.
दरअसल, हाल ही में कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित करने का ऐलान किया है. इन सबके बीच इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली कॉन्फिडेंशियल की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एमएस स्वामीनाथन की लिखी रिपोर्ट कृषि और किसान मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट से गायब हो गई है. यह दावा ऐसे वक्त पर किया गया, जब MSP पर कानून समेत अपनी तमाम मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली का रुख कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि उनकी फसलों की कीमत स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक तय की जानी चाहिए. स्वामीनाथन ने ये रिपोर्ट राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष के पद पर रहकर लिखी थीं.
कौन थे स्वामीनाथन, जिन्हें मिला भारत रत्न?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 फरवरी को कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया. स्वामीनाथन भारत में 'हरित क्रांति' के जनक माने जाते हैं. उन्होंने गेहूं और चावल की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने भारत में कृषि की प्रोडेक्टिविटी बढ़ाने के लिए के एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसे स्वामीनाथन रिपोर्ट कहा जाता है. हालांकि, इस रिपोर्ट को अब तक लागू नहीं किया गया.
प्रोफेसर एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में 2004 में राष्ट्रीय किसान आयोग (NCF) का गठन किया गया था. NCF ने 2004 और 2006 के बीच पांच रिपोर्टें पेश कीं. इन रिपोर्टों को स्वामीनाथन रिपोर्ट के नाम से जाना जाता है.
स्वामीनाथन ने अपनी रिपोर्ट में देश में खाद्य और न्यूट्रिशन सिक्योरिटी के लिए रणनीति बनाने की सिफारिश की थी. इसके अलावा उनकी रिपोर्ट में सिफारिश थी कि फामिंग सिस्टम की प्रोडक्टिविटी और स्थिरता में सुधार किया जाए. रिपोर्ट में किसानों को मिलने वाले कर्ज का फ्लो बढ़ाने के लिए सुधार करने की बात कही गई थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में किसानों की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने का सुझाव दिया था. इसे C2+50% फार्मूला भी कहा जाता है. रिपोर्ट में किसानों को उनकी फसल की औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक एमएसपी देना का सुझाव दिया था.
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