नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वीर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का वादा किया था. अब इसको लेकर लोकसभा में सवाल किया गया. लोकसभा में पूछा गया कि क्या वीर सवारकर को भारत रत्न देने के लिए कदम उठाया है. इस पर गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत रत्न के लिए लगातार विभिन्न क्षेत्रों से सिफारिशें आती रहती हैं.


गृहमंत्रालय ने लोकसभा में कहा, ‘’भारत रत्न के लिए लगातार अलग-अलग क्षेत्रों से सिफारिशें आती रहती हैं लेकिन इस सम्मान के लिए कोई औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं है. भारत रत्न के संबंध में समय-समय पर फैसले लिए जाते हैं.’’





जाहिर है कि बीजेपी ने वादा किया था कि अगर वह महाराष्ट्र में सत्ता में आती है तो वीर सावरकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए इसके लिए प्रयत्न करेगी. बीजेपी के साथ ही शिवसेना ने भी वीर सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग की थी. शिवसेना ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर वीर सावरकर प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान नहीं होता.


भारत रत्न का इतिहास


भारत रत्न उन लोगों को दिया जाता है जिनका कला, विज्ञान, साहित्य, समाजसेवा और खेल जैसे क्षेत्रों में असाधारण और उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा में योगदान हो. ये देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. इसकी स्थापना 2 जनवरी 1954 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा की गई थी. देश का सबसे पहला भारत रत्न सम्मान चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को प्रदान किया गया. शुरुआत में मरणोपरांत इस सम्मान को देने का चलन नहीं था. खेल के क्षेत्रों में भी विशिष्ठ उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न दिए जाने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया.


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