कौन हैं एमएस स्वामीनाथन? जिनको मोदी सरकार करेगी 'भारत रत्न' से सम्मानित, रेमन मैग्सेसे से लेकर पद्म विभूषण तक मिल चुके हैं
Bharat Ratna:7 अगस्त 1925 को जन्मे एमएस स्वामीनाथन एक कृषि वैज्ञानिक थे. उन्होंने 1979 में कृषि मंत्रालय के प्रमुख सचिव के रूप में काम किया था.
Who Is MS Swaminathan: भारत में 'हरित क्रांति' के जनक माने जाने वाले दिवंगत कृषि वैज्ञानिक मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (9 फरवरी) को यह घोषणा की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एमएस स्वामीनाथन के साथ एक तस्वीर भी शेयर की.
पीएम मोदी ने कहा कि वह (स्वामीनाथन) एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें वह करीब से जानते थे. वह हमेशा दिवंगत वैज्ञानिक के मूल्यों को महत्व देते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, "यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार देश में कृषि और किसानों के कल्याण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है. उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई."
एमएस स्वामीनाथन कौन थे?
7 अगस्त 1925 को जन्मे एमएस स्वामीनाथन एक कृषिविज्ञानी, कृषि वैज्ञानिक,प्लांट जेनेटिस्ट और एडिमिनिस्ट्रेटर थे. उन्हें भारत में 'हरित क्रांति के जनक' के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने दुनिया भर के अलग-अलग विश्वविद्यालयों से 81 मानद डॉक्टरेट की उपाधियां प्राप्त की थीं.
स्वामीनाथन ने 1949 में आलू, गेहूं, चावल और जूट के जेनेटिक्स पर रिसर्च करके अपना करियर शुरू किया. उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे भारत के कम आय वाले किसानों को अधिक उपज करने में मदद मिली.
It is a matter of immense joy that the Government of India is conferring the Bharat Ratna on Dr. MS Swaminathan Ji, in recognition of his monumental contributions to our nation in agriculture and farmers’ welfare. He played a pivotal role in helping India achieve self-reliance in… pic.twitter.com/OyxFxPeQjZ
— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2024
कृषि मंत्रालय के प्रमुख सचिव रहे स्वामीनाथन
स्वामीनाथन ने कई एग्रीकल्चर रिसर्च लेबोरेटरी में प्रशासनिक पदों पर भी काम किया. उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट के महानिदेशक के रूप में भी कार्य किया. उन्होंने 1979 में कृषि मंत्रालय के प्रमुख सचिव के रूप में भी काम किया. 2004 में स्वामीनाथन को राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.
कई पुरस्कारों से हुए सम्मानित हो चुके स्वामीनाथन
स्वामीनाथन को 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्हें 1987 में पहले विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसके बाद उन्होंने चेन्नई में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की.
स्वामीनाथन को देश के तीन सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है. इसके अलावा उन्हें एच के फिरोदिया पुरस्कार, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार और इंदिरा गांधी पुरस्कार भी दिया गया.
टाइम मैगजीन में भी मिली थी जगह
स्वामीनाथन ने विश्व स्तर पर विभिन्न कृषि और पर्यावरण पहलों में भी योगदान दिया. टाइम मैगजीन ने उन्हें 20वीं सदी के 20 सबसे प्रभावशाली एशियाई लोगों में से एक नामित किया था. एमएस स्वामीनाथन का पिछले साल सितंबर में 98 साल की उम्र में निधन हो गया था.
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