नई दिल्ली: देश की सत्तासीन पार्टी भारतीय जनता पार्टी आज 40 साल की हो गई है. आज बीजेपी का स्थापना दिवस है. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण अडवाणी से होते हुए आज पार्टी नरेंद्र मोदी की अगुवाई तक पहुंच गई है. अपने 40 साल के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता तो इससे पहले भी हासिल की लेकिन आज की बीजेपी इतिहास रच रही है. संघर्ष के दौर से निकल कर पार्टी आज सत्ता के शिखर पर है. आइए जानते हैं भारतीय जनता पार्टी का अब तक का सफर और कैसे बनी पार्टी.
पार्टी का इतिहास
भारतीय जनता पार्टी का इतिहास जानने के लिए उस विचारधारा पर बनी पार्टियों का भी इतिहास जानना होगा जिसकी नींव बीजेपी से पहले ही रखी जा चुकी थी. भारतीय जनता पार्टी तो 1980 में बनी लेकिन इससे पहले ही 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर भारतीय जनसंघ बनाया था. हालांकि 1952 के लोकसभा चुनाव में जनसंघ को सिर्फ 3 सीटें मिलीं.
इसके बाद जनसंघ का संघर्ष चलता रहा और जब देश में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया तो जनसंघ ने कांग्रेस के विरोध में आवाज और तेज कर दी. अब आपातकाल खत्म होने के बाद जनसंघ का रूप बदला और इन्होंने अन्य पार्टियों के साथ मिलकर जनता पार्टी बनाया.
इस पार्टी ने 1977 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया. हालांकि, तीन साल में ही देसाई को हटना पड़ा और फिर जनसंघ के लोगों ने 1980 में ही बीजेपी बनाई.
जब भारतीय जनता पार्टी बनी तो उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी अध्यक्ष बने. 1984 के चुनाव में दो सीट, 1989 में 85 सीट तो वहीं 1991 में राम मंदिर की लहर ने पार्टी को 120 सीटें दिलाई. इसके बाद भी पार्टी की सीटें लगातार बढ़ती रही. 1996 में 161 सीट, 1998 में 182 सीटें मिली. इसके बाद साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने इतिहास रचा. पार्टी को 282 लोकसभा सीटें मिली. वहीं 2019 में 303 सीटें जीतकर बीजेपी ने हर तरफ कमल खिला दिया.
आज पीएम मोदी की पॉप्युलेरिटी पूरी दुनिया में हैं. पार्टी अब जन संघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी का 'एक देश-एक निशान-एक विधान-एक प्रधान' का सपना जम्मू कश्मीर से 370 हटाकर पूरा किया जा चुका है. अब पार्टी हिंदुत्व, राष्ट्रवाद की बात करती है.