Bharatiya Nyaya Sanhita Bill: दंड संहिता अब न्याय संहिता, एविडेंस एक्ट हुआ साक्ष्य अधिनियम, गुलामी की कौन-कौन सी निशानियां मिटा रही मोदी सरकार
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से वादा किया था कि देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर गुलामी की सभी पुरानी निशानियों को पीछे छोड़ देगा. हम वो वादा पूरा कर रहे हैं.
Bharatiya Nyaya Sanhita Bill 2023: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (11 अगस्त 2023) को भारतीय अपराध सहिंता में आमूल-चूल परिवर्तन करने वाले तीन विधेयक पेश किए. गृहमंत्री ने कहा, आज जब मैं ये विधेयक लेकर आया हूं तब आजादी के अमृत महोत्सव का समापन हो रहा है और देश में अमृतकाल की शुरुआत होने वाली है.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, 'पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से वादा किया था कि देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर गुलामी की सभी पुरानी निशानियों को पीछे छोड़ देगा. इसी क्रम में हम अंग्रेजों के जमाने में बनाई गई और उपनिवेशवाद की निशानी तीन दंड सहिताओं को हमेशा-हमेशा को बदलने वाल विधेयक सदन के पटल पर पेश कर रहे हैं. ये तीनों विधेयक हमारे पांच प्रण में एक प्रण को पूरा करने वाले हैं.'
'अमित शाह ने पेश किए तीन नए विधेयक'
इतना कहने के बाद लोकसभा में अमित शाह ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023; भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023; और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक सदन के पटल पर चर्चा के लिए पेश कर दिए. उन्होंने कहा,'1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय प्रणाली अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों के मुताबिक काम करती रही. अगर तीन कानून बदल जाएंगे तो देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ा बदलाव होगा'.
अगर यह बिल पास हो जातें है तो भारत में आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, CrPc की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023; और Evidence Act की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 प्रभाव में आ जाएगा.
क्या बड़े बदलाव होंगे?
- नई सीआरपीसी में 356 धाराएं होंगी जबकि पहले उसमें कुल 511 धाराएं होती थी.
- सबूत जुटाने के टाइव वीडियोग्राफी करनी जरूरी होगी.
- जिन भी धाराओं में 7 साल से अधिक की सजा है वहां पर फॉरेंसिक टीम सबूत जुटाने पहुंचेगी.
- गुनाह किसी भी इलाके में हुआ हो लेकिन एफआईआर देश की किसी भी हिस्से में दर्ज की जा सकेगी.
- 3 साल तक की सजा वाली धाराओं का समरी ट्रायल होगा. इससे मामले की सुनवाई और फैसला जल्द आ जाएगा.
- 90 दिनों के अंदर चार्जेशीट दाखिल करनी होगी और 180 दिनों के अंदर हर हाल में जांच समाप्त की जाएगी.
- चार्ज फ्रेम होने के 30 दिन के भीतर न्यायाधीश को अपना फैसला देना होगा.
- सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अगर कोई मामला दर्ज है तो 120 दोनों के अंदर अनुमति देनी जरूरी है.
- घोषित अपराधियों की संपत्ति की कुर्क की जाएगी. संगठित अपराध में कठोर सजा सुनाई जाएगी.
- गलत पहचान देकर यौन संबंध बनाने वालों को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा. गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी.
- 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा जाएगा.
- राजद्रोह कानून पूरी तरह से खत्म किया जा रहा है.
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