दिल्ली: देश की सबसे बड़ी मोबाइल सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी एयरटेल के मालिक भारती परिवार ने अपनी 10 फीसदी दौलत आम जनता की सेवा में लगाने का ऐलान किया है. मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से ये रकम करीब सात हजार करोड़ रुपये की है.


भारती परिवार से तीन भाई, सुनील भारती मित्तल (चेयरमैन, भारती इंटरप्राइजेज), राजन भारती मित्तल (वाइस चेयरमैन, भारती इंटरप्राइजेज) और राकेश भारती मित्तल (वाइस चेयरमैन, भारती इंटरप्राइजेज) गुरुवार को मीडिया से मुखातिब हुए और अपनी नयी योजना की जानकारी दी. सुनील भारती मित्तल बीते महीने ही 60 साल के हुए हैं. इस मौके पर उनके व उनके भाई के बच्चों ने कहा कि जो 10 फीसदी दौलत उनके लिए है, वो परोपकार में लगाया जाए. इसी के बाद मित्तल भाइयों ने विभिन्न सलाहकार फर्म और दूसरी एजेंसियों के साथ मिलकर सात हजार करोड़ रुपये के इस्तेमाल की रुपरेखा तैयार की है. इस पैसे के खर्च में ज्यादा जोर शिक्षा पर दिया जाएगा.

ये तय हुआ है कि इस पैसे उत्तर भारत में सत्या भारती विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. ये विश्वविद्यालय पंजाब या हरियाणा में 100 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा. विश्वविद्यालय में वैसे तो केंद्र बिंदु में विज्ञान और तकनीक के पाठयक्रम होंगे, लेकिन कोशिश प्रबंधऩ और दूसरे पाठयक्रम शुरु करने की भी होगी. विश्वविद्यालय की क्षमता 10 हजार छात्रों की है. सुनील भारती मित्तल ने कहा, "पूरा जोर समाज के पिछड़े और गरीब तबके के छात्रों को मुफ्त में उत्तम शिक्षा मुहैया कराने की है, लेकिन जगह बचने पर बाकी वर्ग के छात्र भी दाखिला ले सकेंगे." इस विश्वविद्यालय में 2021 तक विधिवत पढ़ाई शुरु करने की योजना है.

भारती परिवार के सामाजिक कार्यों को देखने वाली संस्था सत्या भारती फाउंडेशन के तहत यह विश्वविद्यालय बनेगा. 2000 में गठित यह फाउंडेशन अभी विभिन्न राज्यों में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा है. इसके तहत सामाजिक व आर्थिक रुप से पिछड़े दो लाख से भी ज्यादा बच्चों की पढ़ाई लिखाई का इंतजाम किया गया है. पढ़ाई-लिखाई के लिए मुफ्त में किताबें, ड्रेस और भोजन वगैरह मुहैया कराया जाता है. अब इसी काम को आगे को बढ़ाते हुए विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है.

सुनील भारती मित्तल ने ये भी जानकारी दी कि विश्वविद्यालय में पढ़ाई-लिखाई की भाषा अंग्रेजी होगी. पढ़ाने लिखाने का तरीका डिजिटल होगा. साथ ही फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों के साथ हाथ मिलाने की भी कोशिश है, ताकि छात्रों को उद्योग का बेहतर अनुभव मिल सके. मित्तल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को स्टैनफोर्ड जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालयों की श्रेणी में रखने का लक्ष्य है.