नई दिल्ली: बीजेपी ने बृहन्नमुम्बई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन यानी बीएमसी में नेता विपक्ष के पद पर दावा किया है. पार्टी के पार्षद प्रभाकर शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि कांग्रेस राज्य सरकार में शिवसेना की सहयोगी है. इसलिए बीएमसी में भी कांग्रेस के पास नेता विपक्ष का पद नहीं रह सकता. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस याचिका पर नोटिस जारी किया.
बीएमसी में शिवसेना का मेयर है. 2017 में बीएमसी चुनाव के समय शिवसेना और बीजेपी राज्य की सत्ता में एक दूसरे के सहयोगी दल थे. इसलिए तब बीजेपी ने नेता विपक्ष के पद पर दावा नहीं किया था. यह पद कांग्रेस को मिल गया था.
लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. अब राज्य में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार है. बीजेपी का कहना है कि राज्य की सत्ता में शिवसेना की साझीदार कांग्रेस बीएमसी में नेता विपक्ष का पद नहीं रख सकती. इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट इस याचिका को खारिज कर चुका है. हाई कोर्ट ने माना था कि एक बार पद पर दावा छोड़ने के बाद अब बीजेपी का दावा सही नहीं माना जा सकता.
आज सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने प्रभाकर शिंदे की तरफ से जिरह की. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने मौजूदा स्थिति को समझे बिना शिंदे की याचिका ठुकरा दी थी. बेंच ने यह माना कि याचिकाकर्ता एक विसंगत स्थिति की जानकारी दे रहे हैं. संक्षिप्त सुनवाई के बाद कोर्ट ने बीएमसी मेयर समेत बाकी पक्षों को नोटिस जारी कर दिया.
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