Gujarat News: गुजरात के भरूच में एक मौलान को सांप्रदायिक शांति भंग करने के आरोप में रविवार को (16 जून) को गिरफ्तार किया गया. शहर के आमोद इलाके में स्थित दारुल उलूम बरकत ख्वाजा के मौलवी ने कहा कि इस्लाम में गाय की कुर्बानी जायज है, जिस वजह से से उसके ऊपर कार्रवाई हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मौलाना उलूम के सोशल मीडिया पोस्ट में जानवरों की कुर्बानी के लिए ऊंट और भैंस के साथ-साथ गाय की कुर्बानी की बात कही गई थी.


मौलवी ने पोस्ट में गो हत्या की बात कही


भरूच के एसपी मयूर चावड़ा ने बताया कि मौलवी की ओर से सोशल मीडिया पर डाला गया पोस्ट भड़काऊ था, क्योंकि उसमें गो हत्या की बात कही गई थी. देश में सोमवार (17 जून) को ईद-उल-अजहा या बकरीद बनाया जाएगा ऐसे में किसी भी तरह से समाजित सौहार्द न बिगड़े इस वजह से पुलिस ने पहले ही कार्रवाई की. एसपी ने बताया, "किसी भी तरह से माहौल खराब न हो, इस वजह से हमने पहले ही कार्रवाई की है. मौलाना दारुल उलूम बरकत ने इस पोस्ट के बाद माफी भी मांगी, क्योंकि उसे पता था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है."


स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप करेगी आगे की जांच


मौलवी दारुल उलूम के खिलाफ आमोद पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया, लेकिन आगे की जांच के लिए उन्हें स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को सौंप दिया गया है. एसओजी इस एंगल से भी जांच करेगी कि क्या मौलवी को इस तरह के भड़काऊ पोस्ट डालने के लिए किसी संस्था ने पैसे या किसी तरह की सहायता राशि तो नहीं दी थी.


धर्मांतरण के मामले में चुकी है गिरफ्तारी


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मौलवी दारुल उलूम बरकत भरूच में आदिवासियों के कथित धर्मांतरण के लिए 2022 के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर आया था. पुलिस ने बताया, इस मौलवी पर साल 2022 में गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. आरोपी मौलवी का इतिहास सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कामों में रहा है.


भरूच पुलिस ने कहा कि उन्होंने मवेशियों को ले जाने वाली गाड़ियों की चेकिंग बढ़ा दी है. उन्होंने कहा कि 2023-24 में अवैध रूप से मवेशियों को ले जाने के 58 मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें 171 गिरफ्तारियां की गई और इस दौरान 700 से अधिक मवेशियों को बचाया गया.


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