Bhawanipur By Elections: पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को बीजेपी के अभियान को लेकर स्थिति तनावपूर्ण रही. विवाद के केंद्र में रहे दिलीप घोष रहे. चुनाव आयोग ने तनावपूर्ण स्थिति को लेकर न केवल राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी, बल्कि बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ आरिज आफताब से मुलाकात की और धारा 144 आईपीसी लगाने की मांग की. चुनाव आयोग ने घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव एचके द्विवेदी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
स्वपन दासगुप्ता, शिशिर बाजोरिया और प्रताप बंद्योपाध्याय के नेतृत्व में बीजेपी के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ आरिज आफताब से मुलाकात की और धारा 144 के साथ चुनाव की मांग की. विवाद के केंद्र में रहे दिलीप घोष ने बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए चुनाव रद्द करने की मांग की. लेकिन निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिबंधों के साथ चुनाव करने की मांग की.
टीएमसी ने बीजेपी पर साधा निशाना
इस बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी की आलोचना की. आधिकारिक ट्विटर हैंडल में पार्टी ने लिखा, "बंगाल बीजेपी को दिन के उजाले में जनता को निशाना बनाने की हिम्मत कैसे हुई? क्या लोगों को उन नेताओं का विरोध करने का अधिकार नहीं है, जिनका वे समर्थन नहीं करते हैं? मानवाधिकारों का ऐसा घोर हनन शर्मनाक है! यह भवानीपुर में लोगों की सुरक्षा से समझौता है!"
हाथापाई में एक बीजेपी समर्थक घायल
घटना भवानीपुर इलाके में जादूबाबू बाजार के पास हुई, जहां पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष का रास्ता तृणमूल कांग्रेस के कुछ समर्थकों ने रोक दिया और उन्हें सड़क के किनारे धकेल दिया गया. समर्थकों ने बीजेपी के 'जय श्री राम' का मुकाबला करने के लिए 'जॉय बांग्ला' का नारा लगाना शुरू कर दिया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा. घोष के निजी सुरक्षा गार्डो और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच हाथापाई हुई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहरेदारों को बंदूक तानते देखा गया. घोष को घेर लिया गया और वहां से ले जाया गया. हाथापाई में एक बीजेपी समर्थक घायल हो गया.
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