नई दिल्ली: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर, स्वामी अग्निवेश और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. ये याचिका कल दाखिल हुई थी हालांकि, आज सुनवाई की लिस्ट में नहीं थी. चंद्रशेखर आजाद आज शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. शाहीन बाग में एक महीने से ज्यादा समय से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है.


गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट में सीएए को लेकर दायर की गई 144 याचिकाओं पर सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में फिलहाल नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से इंकार किया और साथ ही सभी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते का वक्त दिया है.





कोर्ट ने कहा कि सीएए और एनपीआर पर रोक लगाने के मुद्दे पर केंद्र का पक्ष सुने बगैर एक पक्षीय आदेश नहीं दिया जाएगा. कपिल सिब्बल ने कहा, "हम कानून पर रोक की मांग नहीं कर रहे हैं. लेकिन फिलहाल इसके अमल को स्थगित कर दिया जाए."


इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि असम और त्रिपुरा से संबंधित याचिकाओं पर अलग से विचार किया जाएगा. सीएए में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसंबर, 2014 तक देश में आये हिन्दू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. सीएए के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं में ये भी दलील दी गयी कि यह कानून संविधान के बुनियादी ढांचे के खिलाफ है और यह मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला है.


कोर्ट ने जहां सरकार को जवाब के लिए चार हफ्ते का समय दिया, वहीं याचिकाकर्ताओं को भी सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए एक हफ्ता दिया. बता दें कि अब इस मामले की सुनवाई किसी भी हाई कोर्ट में नहीं होगी.