नई दिल्ली: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और हरियाणा के कई दलित संगठन दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए. दरअसल, किसानों ने बुधवार को बाबासाहब बी आर आंबेडकर की जयंती के अवसर पर 'संविधान बचाओ दिवस' और 'किसान बहुजन एकता दिवस' मनाया.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने यह जानकारी दी.
हरियाणा के दलित संगठन टीकरी बॉर्डर पर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, जबकि आजाद और पंजाब के नरेगा मजदूर एसोसिएशन का एक बड़ा समूह सिंघू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए.
कृषि कानून को खत्म करने की बात पर डटे हुए हैं किसान
पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हजारों किसान, जिनमें ज्यादातर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं, दिल्ली की तीन सीमा बिंदुओं- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर में डेरा डाले हुए हैं.
कई किसान संगठन और अर्थशास्त्री इन कृषि बिलों को सपोर्ट कर रहे हैं- नरेंद्र सिंह तोमर
हालांकि, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीते दिनों कहा था कि, कई किसान संगठन और अर्थशास्त्री इन कृषि बिलों को सपोर्ट कर रहे हैं. सरकार ने विरोध कर रहे किसान सगंठनों के साथ 11 राउंड की बातचीत की है. हम और बातचीत के लिए तैयार हैं. बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ में किसान संगठनों का आंदोलन लगातार जारी है.
दिल्ली की सरहदों पर किसान महीनों से डेरा जमाएं बैठें हैं. वहीं किसान नेता देश के दूसरे हिस्सों में जाकर भी इन कानूनों के खिलाफ किसानों को लामबंद कर रहे हैं. विरोध कर रहे किसान केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने और फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.
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