मुंबई: देश में इस वक्त महाराष्ट्र में पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा की सबसे ज्यादा चर्चा है. हिंसा के आरोपी संभाजी भिड़े ने पहली बार सामने आकर अपनी सफाई दी है. संभाजी ने कहा है कि उनपर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हिंसा के लिए आरएसएस को जिम्मेदार करार दे रहे हैं. इस बीच हिंसा के बाद पहली बार मोहन भागवत का भी बयान सामने आय़ा है.
सामने आए संभाजी भिडे
85 साल के संभाजी भिड़े के बारे में कहा जाता है कि वो सादगी से रहने वाले और बहुत पढ़े-लिखे सम्मानित शख्स हैं. कभी पीएम मोदी ने भी उन्हें गुरूजी और परम आदरणीय कहकर संबोधित किया था. लेकिन अभी संभाजी भिडे दंगा के गंभीर आरोपों से घिरे हैं. पुणे की पिंपरी थाने में संभाजी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज है.
पुणे हिंसा: कौन हैं संभाजी भिड़े, जिनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहा है दलित समाज?
आरोप है कि उनके कारण ही दो जनवरी को भीमा कोरेगांव में हंगामा हुआ. कल सांगली में कलेक्टर से मिले और मांग की कि जो आरोप उनके खिलाफ लगाए गए हैं वो वापस लिए जाएं, क्योंकि वो गलत हैं.
मैं दंगे के लिए जिम्मेदार नहीं हूं- भिड़े
संभाजी भिड़े का कहना है, ‘’ये कहना गलत है कि मैं पुणे में दंगे वाली जगह पर मौजूद था और मैं दंगे के लिए जिम्मेदार हूं. दलित नेता प्रकाश आंबेडकर ने मेरे खिलाफ हिंसा के आरोप लगाए हैं. इस मामले की गहरी जांच होनी चाहिए. मैं हिंदुओं में राष्ट्रवाद की भावना जगाने के लिए काम करता हूं.’’
राहुल के बयान पर आया भागवत का बयान!
वहीं, भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस पर आरोल लगाए हैं. हिंसा और विवाद के बाद पहली आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कल उज्जैन में एक कार्यक्रम में पहुंचे. मोहन भागवत ने हिंसा की घटना पर सीधा तो कुछ नहीं कहा है लेकिन ये कहा कि समाज में भेदभाव नहीं होना चाहिए. सबको बराबरी की नजर से देखा जाना चाहिए.