मुंबई: एल्गार परिषद केस में गिरफ्तार आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का आज 84 साल की उम्र में निधन हो गया. इस संबंध में फादर स्टेन स्वामी का इलाज जिस अस्पताल में चल रहा था इलाज, उसके अधिकारियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचना दी है.
स्टेन स्वामी के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''फादर स्टेन स्वामी के निधन पर संवेदना. वह न्याय और मानवता के पक्षधर थे.''
होली फैमिली अस्पताल के निदेशक डॉ इयान डिसूजा ने उच्च न्यायालय की जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एन जे जमादार की पीठ को बताया कि रविवार तड़के स्वामी को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. अधिकारी ने अदालत को बताया, ‘‘उनकी (स्वामी) हालत ठीक नहीं हो पायी और आज दोपहर उनका निधन हो गया.'’
उन्होंने बताया कि फेफड़े में संक्रमण, पार्किंसंस रोग और कोविड-19 की जटिलताओं के कारण स्वामी की मौत हो गयी. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने स्वामी को अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में थे.
अदालत के 28 मई के आदेश के बाद से स्वामी का होली फैमिली हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. निजी अस्पताल में उनके इलाज का खर्च उनके सहयोगी एवं मित्र उठा रहे थे.
इससे पहले उनके वकील मिहिर देसाई ने शनिवार को जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एन जे जमादार की पीठ को बताया था कि स्वामी की हालत नाजुक बनी हुई है और वह अब भी अस्पताल के गहन देखभाल कक्ष (आईसीयू) में हैं. पीठ ने मंगलवार को स्वामी की चिकित्सीय आधार पर दायर जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी थी और तब तक उन्हें अस्पताल में रहने को कहा था.
बता दें कि मई में, स्वामी ने उच्च न्यायालय की अवकाश पीठ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बताया था कि तलोजा जेल में उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता रहा. उन्होंने उच्च न्यायालय से उस वक्त अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया था और कहा था कि अगर चीजें वहां ऐसी ही चलती रहीं तो वह ‘‘बहुत जल्द मर जाएंगे.”
एल्गार परिषद मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुए एक सम्मेलन में भड़काऊ भाषणों से संबंधित है जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि अगले दिन इन भाषणों के कारण कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा हुई थी.