भीमा कोरेगांव हिंसा: प्रोफेसर, वकील, मानवाधिकार कार्यकर्ता, IIT टॉपर रह चुकी हैं सुधा भारद्वाज
सुधा भारद्वाज वकील और ऐक्टिविस्ट हैं और करीब 30 साल से ट्रेड यूनियन नेता हैं. छत्तीसगढ़ में मजदूरों के बीच काम करती हैं. सुधा 1978 बैच की आईआईटी कानपुर की टॉपर है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस ने फरीदाबाद से मशहूर वकील सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया है. कार्रवाई के दौरान साइबर एक्सपर्ट की टीम भी थी. जिन्होंने सुधा और उके परिजनों के फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसी सोशल साइट्स को कथित तौर पर खंगाले. साथ ही पुलिस घर से एक पैन ड्राइव, दो मोबाइल फोन, एक मॉडम, एक राउटर, लैपटॉप, बैंक अकाउंट संबंधी दस्तावेज, आईटी फार्म-16, कुछ पत्रिकाएं और डायरियों को जब्त किया.
इसके बाद पुलिस ने ट्रांजिट रिमांड की कोशिश की. फरीदाबाद कोर्ट ने ट्रांजिट रिमांड पर देने का आदेश भी जारी किया था. इस बीच सुधा भारद्वाज के सहयोगियों ने गिरफ्तारी रोकने की कोशिश की और वे पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट चले गये. कोर्ट ने उन्हें 30 अगस्त तक हाउस अरेस्ट में रखने का आदेश दिया है. आरोप है कि पुलिस ने इस आदेश की भी परवाह नहीं की.
कौन हैं सुधा भारद्वाज? सुधा भारद्वाज वकील और ऐक्टिविस्ट हैं और करीब 30 साल से ट्रेड यूनियन नेता हैं. छत्तीसगढ़ में मजदूरों के बीच काम करती हैं. सुधा 1978 बैच की आईआईटी कानपुर की टॉपर है.
भीमा कोरेगांव हिंसा: गिरफ्तार प्रोफेसर सुधा भारद्वाज की रिमांड पर पुलिस को झटका
सुधा जन्म से अमेरिकी नागरिक थीं लेकिन उन्होंने नागरिकता वापस कर दी. उन्होंने प्राइमरी शिक्षा इंग्लैंड में ली. सुधा की मां कृष्णा भारद्वाज जेएनयू में इकोनामिक्स डिपार्टमेंट की डीन हुआ करती थीं. यूनियन लीडर शंकर गुहा नियोगी के प्रभाव में वामपंथ से जुड़ीं.
भीमा कोरेगांव हिंसा: 5 राज्यों से 5 गिरफ्तारी, जानें क्या है पूरा मामला?
सुधा साल 2000 में वकील बनीं, 2007 से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में वकालत कर रही हैं. नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा चुकी हैं. जुलाई में देश में कश्मीर जैसे हालात बनाने की चिट्ठी लिखने का आरोप लगा. उनकी बेटी ने मायशा ने दावा किया कि सुबह 10 लोगों की टीम आई लेकिन उनके पास सर्च वारंट नहीं था वे दस्तावेज ले रहे थे.
A team of 10 people came today morning, they didn't have a search warrant but were carrying another document. They checked our mobile phones & laptops and took all passwords: Maaysha, daughter of Sudha Bharadwaj (arrested in connection with #BhimaKoregaon violence) pic.twitter.com/FmkP6MuatV
— ANI (@ANI) August 28, 2018
चर्चित इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी को ‘‘काफी डराने वाला’’ करार दिया और हाईकोर्ट के दखल की मांग की ताकि आजाद आवाजों पर ‘‘अत्याचार और उत्पीड़न’’ को रोका जा सके. गुहा ने ट्वीट किया, ‘‘सुधा भारद्वाज हिंसा और गैर-कानूनी चीजों से उतनी ही दूर हैं जितना अमित शाह इन चीजों के करीब हैं.