Bhima Koregaon Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी आनंद तेलतुंबडे को दी जमानत, NIA सुप्रीम कोर्ट में देगा चुनौती
Bhima Koregaon: भीमा-कोरेगांव मामले में आनंद तेलुतंबडे तीसरे आरोपी हैं, जिन्हें जमानत मिली है. इस मामले में कवि वरवर राव मेडिकल जमानत पर बाहर हैं और वकील सुधा भारद्वाज नियमित जमानत पर बाहर हैं.
Bhima Koregaon Case: कोरेगांव मामले के आरोपी आनंद तेलतुंबडे को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने शुक्रवार (18 नवंबर) को जमानत दे दी है. कोर्ट ने आनंद तेलतुंबडे को एक लाख रुपये के मुजलके पर जमानत दी है. वहीं, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आनंद की जमानत के खिलाफ उसे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चुनौती देने की तैयारी कर ली है.
हांलाकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एनआईए के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के अनुरोध पर एक हफ्ते के लिए आदेश पर रोक लगा दी है. इसका मतलब है कि आनंद तेलतुंबडे तब तक जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे. दरअसल, एनआईए ने हाईकोर्ट से अपने आदेश पर एक हफ्ते के लिए रोक लगाने की मांग की, ताकि वो सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके. हाईकोर्ट ने एनआईए की मांग स्वीकार करते हुए अपने आदेश पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी.
दो साल से जेल में है बंद
आनंद तेलतुंबडे को अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया गया था. एक स्पेशल कोर्ट ने तेलतुंबडे को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसने पिछले साल हाईकोर्ट का रुख किया था. हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि घटना वाले दिन यानी 31 दिसंबर 2017 को आनंद तेलतुंबडे पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे और ना ही उन्होंने कोई भड़काऊ भाषण दिया था.
इस मामले दो को मिल चुकी जमानत
भीमा-कोरेगांव मामले में आनंद तेलुतंबडे तीसरे आरोपी हैं, जिन्हें जमानत मिली है. इस मामले में कवि वरवर राव मेडिकल जमानत पर बाहर हैं और वकील सुधा भारद्वाज नियमित जमानत पर बाहर हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 82 साल के सामाजिक कार्यकर्ता पी वरवरा को जमानत दे थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में एक अन्य आरोपी गौतम नवलखा को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए एक महीने के लिए घर में नजरबंद रखने की अनुमति दे थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव लड़ाई के 200 साल पूरे होने के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें हिंसा भड़क गई थी. कार्यक्रम में भड़की हिंसा में एक शक्स की मौत हो गई और 10 पुलिसवालों सहित कई लोग घायल हो गये थे. इस हिंसा के बाद जनवरी में राज्यव्यापी बंद का घोषित कर दिया गया था. पुलिस ने इस दौरान हिंसा भड़काने और आगजनी करने के आरोपा में 162 लोगों के खिलाफ 58 मामले दर्ज किए थे.
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