नई दिल्लीः दलितों ने भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी संभाजी भिड़े को गिरफ्तार करने की आवाज बुलंद कर दी है. दलित नेता प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से आजाद मैदान तक यलगार मोर्चा निकाला गया है. ये मोर्चा हंगामे में तब्दील हो गया. प्रदर्शनकारियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे के पास रास्ता जाम कर दिया. सरकार को कार्रवाई के लिए प्रदर्शनकारियों ने आठ दिन का वक्त दिया है.


प्रकाश आंबेडकर ने मांग की थी कि 26 मार्च तक संभाजी को गिरफ्तार किया जाए वरना वे अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन करेंगे. गिरफ्तारी ना होने के विरोध में ये यलगार मोर्चा निकाला गया है.



85 साल के संभाजी भिड़े के खिलाफ पुणे की पिंपरी थाने में एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज है. आरोप है कि उनके कारण ही दो जनवरी को भीमा कोरेगांव में हिंसा हुई. बता दें कि बीते 31 दिसंबर को 200 साल पुरानी भीमा-कोरगांव की लड़ाई में दलितों की जीत को लेकर जश्न मनाया गया था, जिसके बाद दो पक्षों में हिंसा भड़क उठी.


कहां से शुरु हुआ विवाद?


दरअसल पूरा झगड़ा 29 दिसंबर से शुरू हुआ था. 29 दिसंबर को पुणे के वडू गांव में दलित जाति के गोविंद महाराज की समाधि पर हमला हुआ था, जिसका आरोप मिलिंद एकबोटे के संगठन हिंदू एकता मोर्चा पर लगा और एफआईआर दर्ज हुई. 31 दिसंबर को दलित समाज के लोग पुणे के भीमा कोरेगांव में शौर्य दिवस मनाने इकट्ठा हुए और इसी दौरान सवर्णों और दलितों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें एक शख्स की जान चली गई और फिर हिंसा बढ़ती गई.