मुंबई/नई दिल्ली: महाराष्ट्र में पुणे के भीमा कोरेगांव में हुई  हिंसा के मामले में गुजरात के दलित नेता और कांग्रेस की मदद से विधायक बने जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के विवादित छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं, ये मामला आज संसद में भी गूंजा. शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि कोरेगांव में कोई अद्श्य शक्ति थी, जिसकी वजह से हंगामा हुआ था.

जिग्नेश-उमर के कार्यक्रम को नहीं मिली इजाजत

दरअसल हिंसा से पहले भीमा कोरेगांव में एक कार्यक्रम हुआ था, जिसमें विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के विवादित छात्र नेता उमर खालिद मौजूद थे. दोनों ने भाषण दिए थे, जिसे भड़काऊ मानते हुए एफआईआर दर्ज हुई है. आज दोनों का कार्यक्रम मुंबई में भी रखा हुआ था, लेकिन पुलिस ने विवाद के साए में रहने के कारण इनके कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी.

संसद में गूंजा मुद्दा

महाराष्ट्र में दलितों और सवर्णों के बीच हिंसा पर राजनीति भी खूब हो रही है. संसद में कांग्रेस ने हिंसा के पीछे आरएसएस का हाथ बताया तो आरएसएस ने इसे कांग्रेस की साजिश करार दिया है. वहीं शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सदन में कहा है कि ये हंगामा किसी अद्श्य शक्ति के कारण हुआ है.  उन्होंने यह भी कहा, ''हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है. महाराष्ट्र सरकरा की भुमिका बहुत संयम रही. स्थिति और बिगड़ सकती थी, लेकिन सरकार ने जो ठीक लगा वह किया.''



हिंसा के बाद 150 गिरफ्तार, 16 एफआईआर दर्ज

वहीं, मुंबई समेत महाराष्ट्र के 18 जिलों में कल हुई हिंसा को लेकर फडणवीस सरकार ने केंद्र को रिपोर्ट भेजी है. पूरे मामले में पुलिस ने करीब डेढ़ सौ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने अबतक 16 एफआईआर भी दर्ज की हैं.

महाराष्ट्र से बाहर पहुंची हिंसा

महाराष्ट्र से सटे मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में भी भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर प्रदर्शन हो रहा है. यहां पर महाराष्ट्र जाने वाली 100 बसों को रोका गया है. इन बसों में प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ भी की है. हालांकि पुलिस मौके पर पहुंच कर स्थिति को काबू में करने की कोशिश में जुट गई है.

गुजरात के जूनागढ़ में भी प्रदर्शन

वहीं, हिंसा के विरोध में गुजरात के जूनागढ़ में भी प्रदर्शन हो रहा है. यहां लोगों ने हाईवे पर जाम लगा दिया है. इस आंदोलन में महिलाएं भी शामिल हैं. दलित आंदोलन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. कार्यवाहक डीजीपी आनंद कुमार ने सभी जिले के पुलिस प्रमुखों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए हैं. साथ ही जातीय संगठनों,सोशल मीडिया पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.