मुंबई: भीमा कोरेगांव हिंसा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साज़िश रचने और माओवादी गतिविधियों को देश में बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार सभी पांच आरोपों की गिरफ़्तारी पर महाराष्ट्र पुलिस ने नया दावा किया है. पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. पुलिस ने आरोपियों का पत्थरबाजों से कनेक्शन का भी खुलासा किया है. महाराष्ट्र पुलिस ने इस केस में और भी सबूत सामने रखे हैं. जिनके आधार पर पुलिस ने ये बताने की कोशिश की है कि उनकी तरफ से की गई कार्रवाई सही है और गिरफ्तार आरोपी सक्रिय माओवादी कार्यकर्ता हैं, जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है.
पुलिस को मिली चिट्ठिय़ों में क्या है?
अपने इस दावे को साबित करने के लिए पुलिस ने कुछ चिट्ठियां भी सामने रखीं. जिनमें से कुछ एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद हैं. इन चिट्ठी में मोदी सरकार को घेरने की साज़िश, भीमा कोरेगांव हिंसा के जरिए दलित मूवमेंट को देश में फैलाने, जिगनेश मेवानी, उमर ख़ालिद और प्रकाश आंबडेकर जैसे दलित नेताओं की मदद से सरकार गिराने के साथ-साथ कांग्रेस से मिलनेवाली मदद का भी ज़िक्र है.
चिट्ठिय़ों में माओवाद फैलाने का ज़िक्र- पुलिस
इन चिट्ठियों के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस देश में माओवादियों की तरफ से फैलाए जा रहे जाल की साज़िश का खुलासा होने का दावा कर रही है. ये चिट्ठी गिरफ्तार आरोपी रोना विल्सन के पास से पुलिस ने बरामद की हैं. रोना विल्सन के घर से मिली दूसरी चिट्ठी में पीएम मोदी की हत्या की साज़िश का खुलासा हुआ था. अब इस दूसरी चिट्ठी में देश में राजनीतिक पार्टियों की मदद से माओवाद फैलाने का ज़िक्र किया जाने का दावा पुलिस ने किया है. ये चिट्ठी कॉमरेड मिलिंद तेलतुमडे ने गिरफ्तार आरोपी रोना विल्सन को लिखी हैं. जिसमें साफ़ लिखा गया है कि बीजेपी सरकार को घेरने के लिए देश में चल रहे दलित मूवमेंट को बढ़ावा देना चाहिए. दो जनवरी 2018 को ये चिट्ठी लिखी गई थीं. यानी भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के एक दिन बाद.
देश के ख़िलाफ़ बड़ी साज़िश रचने की तैयारी में थे गिरफ्तार आरोपी- पुलिस
पुलिस सूत्रों की माने तो चिट्ठी के मुताबिक़, प्रकाश अंबेडकर दलित मूवमेंट चलाने का काम बख़ूबी निभा रहे हैं. जिसमें उनका साथ जिग्नेश मेवानी और उमर ख़ालिद दे रहे हैं. पुलिस इस चिट्ठी में लिखी बातों की जांच कर रही है. जिसके लिए उन तीनों से पूछताछ भी की जाएगी. इस चिट्ठी में ये भी कहा गया कि देश का दलित बीजेपी के ब्राह्मणवाद से नाराज़ है. और मोदीराज आने के बाद पहली बार सरकार को घेरने में वे कामयाब हुए हैं. लोगों की इस भावना को हमने देश सांप्रदायिक तनाव निर्माण करने के लिए इस्तेमाल करना होगा. पुलिस का दावा है कि गिरफ़्तार आरोपी देश के ख़िलाफ़ बड़ी साज़िश रचने की तैयारी में थे, जिसका सबूत ये चिट्ठी है.
चिट्ठी में कांग्रेस पार्टी का भी ज़िक्र
वहीं इसी चिट्ठी में कांग्रेस पार्टी का भी ज़िक्र किया गया है. इस चिट्ठी के मुताबिक़ मिलिंद तेलतुंबडे ने रोना से कहा, ‘’कांग्रेस में हमारे मित्रों ने हमें दलित मूवमेंट को और तीव्र करने के लिए कहा है, जिसके लिए लगने वाली आर्थिक और हर संभव क़ानून मदद जिगनेश के ज़रिए दिलाई जाएगी. कांग्रेस ने हमें आशवासित किया है कि जेल में बंद कॉमरेड साई और कॉमरेड कोबाड जैसे सिनीयर कॉमरेड को छुड़ाने में भी मदद करेगी.’’
वहीं इस चिट्ठी में मिलिंद तेलतुंबडे देश में चल रही सरकार विरोधी गतिविधियों को बढावा देने के लिए विदेशी मदद का भी ज़िक्र कर रहा है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है. पुलिस को इस तरह की हज़ारों चिट्ठियां, ईमेल और साहित्य मिला जो देश में चल रहे सरकार माओवादी विरोधी कार्रवाई का ख़ुलासा करती है.
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