नई दिल्लीभीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कल दिल्ली से गिरफ्तार किए गए एक्टिविस्ट गौतम नवलखा केस में हाइकोर्ट जब अपना आदेश पढ़ रहा था, उसी बीच सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि भीमा कोरेगांव मामले में सभी 5 लोग अगली सुनवाई तक हाउस अरेस्ट रहेंगे. अगली सुनवाई गुरूवार को हो सकती है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से गुरूवार तक जवाब देने के लिए कहा है.


गौतम नवलखा केस में आज हाईकोर्ट ने क्या कहा?


इस केस में हाईकोर्ट ने लगातार नवलखा की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. कोर्ट ने कहा कि क्योंकि मामले से जुड़े हुए सभी दस्तावेज मराठी में हैं और बिना दस्तावेजों को देखे हुए ट्रांज़िट रिमांड नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने ये नहीं देखा कि गिरफ्तारी की प्रक्रिया का पालन किया गया है या नहीं. लेकिन फिर भी ट्रांज़िट रिमांड दे दी।


खुद सरकारी वकील मान रहे हैं कि याचिकाकर्ता का नाम एफआईआर में नहीं है. जब हाइकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि क्या निचली अदालत ने जज सारे दस्तावेज देखे थे (क्योंकि वो मराठी में थे) तो उन्होंने बताया कि नहीं. कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता के ऊपर जो धाराएं लगी हैं वो काफी गंभीर हैं. जब किसी के ऊपर इतनी गंभीर धाराएं लगीं जहां पर ज़मानत मिलना भी मुश्किल हो तो निचली अदालत के जज को देखना चाहिये.


सुनवाई में रोचक मोड़:


फैसले के बीच में ही सरकारी वकील ने हाइकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में बताया और हाइकोर्ट ने अपना आदेश में बीच में ही रोक दिया. हाइकोर्ट ने कहा कि हमको सरकारी वकील की तरफ से बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांज़िट रिमांड पर रोक लगाते हुए हाउस अरेस्ट का आदेश दिया तो अब हम फिलहाल आगे कोई आदेश नहीं दे रहे. कल सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी देख कर आगे सुनवाई होगी.


इस बीच सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि जब एक बार याचिकाकर्ता को निचली अदालत में पेश कर दिया गया तो हाइकोर्ट में याचिकाकर्ता को पेश करने वाली याचिका (Habeas corpus) नहीं लगाई जा सकती.


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