बीजेपी पर बरसे जिग्नेश मेवाणी, कहा- कभी कोरेगांव गया ही नहीं तो फिर FIR क्यों?
जिग्नेश ने कहा कि वो कभी भीमा कोरेगांव गए ही नहीं, तो फिर केस किस लिए. इसके साथ ही उन्होंने 2019 में बीजेपी को मजा चखाने की शपथ भी ली.
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नई दिल्ली: पुणे के कोरेगांव भीमा में एक जनवरी को भड़की हिसा के लिए महाराष्ट्र सरकार ने दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद पर केस दर्ज किया था. आज जिग्नेश मेवाणी ने इसे लेकर बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला.
जिग्नेश ने कहा कि मोदी सरकार उनकी बढ़ती छवि से डर गयी है. जिग्नेश ने कहा कि वो कभी भीमा कोरेगांव गए ही नहीं, तो फिर केस किस लिए. इसके साथ ही उन्होंने 2019 में बीजेपी को मजा चखाने की शपथ भी ली.
'भीमा कोरेगांव की में उस जगह पर मैं गया ही नहीं' जिग्नेश ने कहा, ''मैं भीमा कोरेगांव की में उस जगह पर मैं गया ही नहीं, मेरे भाषण का कोई भी हिस्सा कानून के मुताबिक भड़काऊ नहीं है. महाराष्ट्र में जो बंद बुलाया गया उस दिन महाराष्ट्र में मौजूद होने के बावजूद मैंने उसमें हिस्सा नहीं लिया. कल अगर मुंबई में स्टूडेंट्स के आंदोलन को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस थी. जिसे पुलिस ने रोका उसमें भी मैंने हिस्सा नहीं लिया. जब मैंने कुछ किया ही नहीं तो फिर मेरी वजह से हिंसा कैसे हुई.''
'मेरे बढ़ते कद से डर गयी है बीजेपी' जिग्नेश ने कहा, '' साफ तौर पर दिख रहा है कि जिस तरह गुजरात में बीजेपी और आरएसएस का घमंड 99 सीटों पर आकर रुक गया है और मेरे बढ़ते कद से उन्हें 2019 में खतरा लग रहा है. उसी की वजह से मेरी छवि को निशाना बनाने के लिए उन्होंने एक बचकानी हरकत की है. महाराष्ट्र की सरकार से पूछना चाहिए जिग्नेश मेवाणी जो दलितों का लीडर है उसके खिलाफ केस दर्ज करके आप देश भर के दलितों का अपमान क्यों कर रहे हो?''
'गुजरात की बौखलाहट की वजह से केस हुआ' जिग्नेश मेवाणी ने कहा, ''मैं एक चयनित प्रतिनिधि हूं, एमएलए हूं पेशे से वकील हूं. मैंने वीडियो में कहा कि सड़क की लड़ाई लड़नी होगी जिसका मतलब है कि हमें सड़कों पर जनता के अधिकारों को लेकर कानून और संविधान के दायरे में रहकर जनआंदोलन खड़ा करना है. मेरी इस बात का गलत मतलब निकाला गया और और बचकाना अपराध दर्ज किया गया. ये दिखाता है कि गुजरात में जो बीजेपी 150 सीटों का घमंड लेकर घूमती थी वो 99 पर आकर रुक गयी है, इसी की बौखलाहट की वजह से मेरे खिलाफ केस दर्ज हुआ है."
'मेरे साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी के साथ क्या होगा' जिग्नेश मेवाणी ने कहा, ''मेरे पूरे भाषण में एक भी शब्द भड़काऊ नहीं है. मैं लंबे समय से जनआंदोलन से जुड़ा रहा हूं. कानून औऱ संविधान के दायरे में रहकर ही मैंने हमेशा काम किया है. अब में एक एमएलए भी हूं. इसके बावजूद मुझे टारगेट करने की कोशिश करना दिखाता है कि दलित समाज के एक प्रतिनिधि के साथ ऐसा किया जा सकता है तो किसी आम क्या हो सकता है?.''
वक्त आ गया है मोदी जी मुंह खोलें जिग्नेश मेवाणी ने कहा, ''वक्त आ गया है कि इस देश की सभी सरकारों को और खुद को बाबा साहेब का भक्त कहने वाले मोदी जी को मुंह खोलना होगा. बजाए उसके मुझे टारगेट किया जा रहा है, ये बहुत बचकानी हरकत लगती है. मेरा भाषण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. हमने उसे फेसबुक पर लाइव किया था, मेरे जीवन की सबसे प्रगतिशील सामिग्री उस भाषण में है."
जिग्नेश मेवाणी ने अपने भाषण में क्या कहा था? 31 दिसंबर के कार्यक्रम में जिग्नेश ने कहा, ''कार्यक्रम में जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि नव पेशवाई के सामने अगर जीतना है तो भीमा कोरेगांव की लड़ाई को आगे लेकर जाना होगा. जाति निर्मूलन सड़कों पर लड़ाई से होगा, एक वर्ग का दूसरे वर्ग पर शासन सड़कों की लड़ाई से ही खत्म होगा.''
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