Bhimashankar Jyotirlinga In Maharashtra: भीमाशंकर ज्‍योतिर्लिंग मंदिर को लेकर असम सरकार और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच विवाद बढ़ता नजर आ रहा है. अब इस पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का बयान आया है. उन्होंने कहा कि "विवाद करने की कोई जरूरत नहीं है. हजारों साल से भीमाशंकर टेंपल है. शिव पुराण के अनुसार यह असम के कामरूप में है. शिव पुराण को हमने नहीं लिखा है."


मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शिवसेना पर कटाक्ष करते हुए कहा, "शिवसेना भगवान पर राजनीति करती है, इसलिए उनका पार्टी सिंबल गायब हो गया है. हम शिव को मानते है." सीएम हिमंता ने आगे कहा कि भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कामरूप प्रदेश में है. पूरा अखंड शिव पुराण में है और शिव पुराण के अनुसार, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग माना गया है. ये हमारा विश्वास है. महाराष्ट्र में लोगों का विश्वास होगा कि भीमाशंकर वहां होगा. 


कोई राजनीति करता है क्या?


मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा, "मैं वहां (महाराष्ट्र) के भीमाशंकर में शिव जी को प्रणाम करता हूं और यहां भी शिव जी को प्रणाम करता हूं. विपक्ष को लगा होगा कि ये ज्योतिर्लिंग कल किसी ने बनाया है. मुझे लगता है कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) का चिन्ह भी इसलिए गायब हुआ. भगवान पर भी कोई राजनीति करता है क्या?"


यहां से हुआ विवाद


दरअसल, बीजेपी की असम सरकार ने एक विज्ञापन जारी करके कहा है कि 'भीमाशंकर ज्‍योतिर्लिंग' असम में है. लेकिन ऐसा माना जाता है कि छठा ज्‍योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे में भीमाशंकर में है. हालांकि, असम सरकार के पर्यटन विभाग ने विज्ञापन जारी करके दावा किया है कि भीमाशंकर मंदिर असम में डाकिनी पहाड़ी, कामरूप में मौजूद है.


पिछले दिनों महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा, "कई लोगों ने इसको लेकर चिंता जताई है. जिस तरह से महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को छीन लिया गया है, उसी तरह से मंदिरों को भी दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा है? हम हर राज्य के अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं. हम सभी के मन में पूजा स्थलों को लेकर सम्मान और आस्था है."  


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