Bhojshala Case: मध्य प्रदेश के धार जिले (आदिवासी बहुल) में भोजशाला परिसर से जुड़े मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है. शुक्रवार (22 मार्च, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से साफ मना कर दिया. मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी की ओर से दाखिल की गई इस याचिका में सर्वे से जुड़े हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है.


भोजशाला परिसर में एएसआई के सर्वे की शुरुआत को लेकर हिंदू पक्ष के एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने जो आदेश दिया था, उसका पालन करते हुए एएसआई ने आज सुबह सर्वे शुरू कर दिया. सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन सर्वोच्च अदालत ने तुरंत सुनवाई से मना कर दिया. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में इस मामल पर सुनवाई नहीं होगी.






भोजशाला परिसर में फिलहाल चलता रहेगा एएसआई सर्वेक्षण 


मीडिया वालों की ओर से आगे यह पूछे जाने पर कि क्या इसे लेकर आगे की कोई तारीख भी मिली है? विष्णु शंकर जैन ने इस पर जवाब दिया- नहीं, सुप्रीम कोर्ट में तारीख नहीं लगती है. जब भी कोई तारीख आएगी, तब सुनवाई होगी. हालांकि, एएसआई सर्वे तब तक चलता रहेगा.


सुरक्षा के बीच ASI की टीम कर रही भोजशाला कैंपस का सर्वे


एएसआई दस्ते ने शुक्रवार को विवादास्पद भोजशाला/कमाल मौला मस्जिद परिसर का सर्वे शुरू किया. करीब 12 सदस्यों वाली टीम सुबह मौके पर पहुंची, जिसके साथ स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के सीनियर अफसर भी थे. धार के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने इस बारे में समाचार एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को बताया, "भोजशाला में सर्वे शुरू हो गया है. हमने एएसआई टीम को इसके संचालन के लिए साजो-सामान से जुड़ी सारी जरूरी मदद मुहैया करा दी है. इस काम के दौरान सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए और शहर में फिलहाल शांति है.’’


भोजशाला परिसर पर क्या है हिंदुओं और मुस्लिमों का दावा?


मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को धार जिले के परिसर का छह हफ्ते में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था. एएसआई के संरक्षित ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिंदू वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय का दावा है कि यह जगह कमाल मौला की मस्जिद है. एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी आदेश के तहत हिंदुओं को हर मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है. वहीं, मुसलमानों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है.