(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhola Yadav Arrested: CBI ने लालू यादव के करीबी भोला यादव को किया गिरफ्तार, जानें उनपर क्या हैं आरोप?
सीबीआई के मुताबिक जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया वो भोला यादव और हृदयानंद चौधरी है. इनमें भोला यादव, लालू के कार्यकाल के दौरान उनके ओएसडी थे जबकि हृदयानंद चौधरी की रेलवे में नियुक्ति हुई थी.
Bhola Yadav Arrested: सीबीआई (CBI) ने पूर्व रेल मंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) के ओएसडी (OSD) रहे भोला यादव (Bhola Yadav) को एक रेलवे कर्मचारी के साथ जमीन के बदले नौकरी घोटाले मामले में आज गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद दोनों को दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत (CBI Court) के सामने पेश किया गया जहां से उनको 2 अगस्त तक पूछताछ के लिए सीबीआई की रिमांड पर भेजा गया है.
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक जिन लोगों को आज गिरफ्तार किया गया है उनमें भोला यादव और हृदयानंद चौधरी शामिल है. इनमें भोला यादव, लालू यादव के कार्यकाल के दौरान उनके ओएसडी थे जबकि हृदयानंद चौधरी की रेलवे में एवजी (substitute) के तौर पर नियुक्ति हुई थी.
लालू के ओएसडी पर लग रहे हैं क्या आरोप?
जांच के दौरान यह पाया गया कि वर्ष 2005-2009 की अवधि के दौरान पूर्व रेल मंत्री के तत्कालीन ओएसडी, एवजी की नियुक्ति में होने वाली कथित धांधली के षड्यंत्र में लिप्त थे. उन पर यह आरोप है कि पूर्व रेल मंत्री के परिवार के सदस्यों को एवजियों के परिवार के सदस्यों द्वारा भूमि के हस्तांतरण के मामलों का काम भोला यादव कर रहा था.
सीबीआई के मुताबिक इस घोटाले मामले में भोला यादव की भूमिका एक मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आई है. वहीं जहां एक तरफ जमीन के बदले नौकरी मामले में जमीन लालू यादव के करीबियों को लिखवा रहे थे वहीं दूसरी तरफ वह रेलवे अधिकारियों पर भी दबाव बनाते थे कि फला शख्स को नौकरी दी जाए आरोप है कि इस दौरान उन्होंने स्वयं भी अनेक संपत्ति हासिल की.
सीबीआई ने किन जगहों पर की छापेमारी?
सीबीआई ने इस मामले में आज पटना दरभंगा आदि सहित चार स्थानों पर आरोपी एवं एक निजी व्यक्ति के परिसर में छापेमारी की. गिरफ्तार दोनों आरोपियों को आज सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया जहां से उन्हें पूछताछ के लिए सीबीआई रिमांड पर भेजा गया है.
सीबीआई ने इस घोटाले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव और 15 अन्य जिसमें उनकी पत्नी, 02 बेटियों तथा अज्ञात लोक सेवक एवं निजी व्यक्ति शामिल हैं, के विरुद्ध दिनाँक 18 मई 2022 को मामला दर्ज किया था. यह आरोप है कि तत्कालीन रेल मंत्री (भारत सरकार) ने वर्ष 2004-2009 की अवधि के दौरान रेलवे के विभिन्न मंडलों के पदों पर समूह "डी" में एवजी की नियुक्ति (appointment of Substitutes) के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन की संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया.
कैसे किया गया नौकरी के बदले जमीन का सौदा?
आगे यह आरोप है कि इसके बदले में जो एवजी स्वयं पटना के निवासी थे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से उक्त मंत्री के परिवार के सदस्यों और परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना में स्थित अपनी जमीन को बेचा और उपहार में दिया जो कि उक्त परिवार के सदस्यों के नाम पर ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में शामिल थे.
यह भी आरोप है कि क्षेत्रीय रेलवे (Zonal Railway) में एवजी की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया, फिर भी नियुक्त किए गए पटना के निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में एवजी के रूप में नियुक्त किया गया.
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