(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मध्य प्रदेश में रिकॉर्ड टीकाकरण में खुली फर्जीवाड़े की पोल, 13 साल के वेदांत को 57 साल बताकर कागजों पर लगाया टीका
मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के मंत्रीजी कह रहे हैं कहीं कोई दिक्कत नहीं है तो वहीं विपक्ष का कहना है सिर्फ दिक्कत ही दिक्कत है.
भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले कुछ दिनों में लगातार सबसे ज़्यादा टीका लगा कर देश में एक दिन में सर्वाधिक टीका लगाने का रिकॉर्ड बनाया है. लेकिन, कुछ लोगों की शिकायत है कि बिना वैक्सीन लगवाये उनके नंबर पर मैसेज आ रहे हैं. यहां तक की मृतकों के नाम पर भी उनके परिजनों को टीकाकरण के मैसेज आ गये. ऐसे में एमपी के टीका करण के महाअभियान और इस रिकार्ड्स पर सवाल उठ रहे हैं.
भोपाल के टीला जमालपुरा की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले 13 साल के वेदांत डांगरे को भी 21 जून को टीका लग गया. चौंकिये मत भले ही सरकार कह रही हो 18 साल से ऊपर वालों को ही टीका लगेगा लेकिन वेदांत के नाम पर बाकायदा मैसेज आया है.
वेदांत के पिता रजत डांगरे ने बताया कि 21 जून को शाम को 7.27 पर मैसेज आया है कि वैक्सीन लग गई. मेरे बेटे की उम्र अभी 13 साल है. इस मैसेज में बताया गया है कि वेदांत की उम्र 56 साल है.
वेदांत डांगरे ने बताया कि मैं 13 साल का हूं जो लिंक मैसेज में मिली उसका सर्टिफिकेट डाउनलोड किया तो मेरे ही डॉक्यूमेंट लगे थे बस मुझे 56 साल का बना दिया था.
भोपाल में पीजीबीटी कॉलेज रोड में रहने वाली नुजहत सलीम को भी 21 जून को वैक्सीन लगने का मैसेज मिला, उन्हें पेंशन नहीं मिलती लेकिन पहचान पत्र सत्यापन में पेंशन डाक्यूमेंट के दस्तावेज दर्ज हैं.
नुजरत सलीम ने बताया कि मेरे पास 21 जून को मैसेज रात में 10.57 बजे आया कि आपको वैक्सीन लग चुकी है जबकि मुझे अभी वैक्सीन लगी नहीं है. कल मैं लगवाने जाऊंगी तो वो बोलेंगे कि आपका वैक्सीनेशन हो चुका है.
मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के मंत्री कह रहे हैं कहीं कोई दिक्कत नहीं है तो वहीं विपक्ष का कहना है सिर्फ दिक्कत ही दिक्कत है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, "ऐसा नहीं है कहीं ऐसी दिक्कत नहीं है आप कहां से ये बात लेकर आए हैं. मैं पहली बार सुन रहा हूं कहीं ऐसा मिलेगा तो हम जांच करवाएंगे."
वहीं सरकार के दावे पर कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि रोज नये आंकड़े सामने आ रहे हैं और फर्जीवाड़े भी. 13 साल के बच्चे को, मृत व्यक्ति को वैक्सीन लगा दिया, बैतूल में 47 गांवों में वैक्सीन नहीं लगी है.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 जून के लिए समां ही बांध दिया था. लेकिन ऐसी कहानियों से इस रिकॉर्ड के पीछे का रिकॉर्ड संदिग्ध नज़र आता है.
मध्यप्रदेश ने वेक्सीनेशन के महाअभियान के हफ्ते में पहले दिन यानि 21 जून को 17 लाख 42 हजार, 23 जून को 11 लाख 43 हजार, 24 जून को 7 लाख 5 हजार और 26 जून को 9 लाख 64 हजार लोगों को टीका लगाने का दावा किया लेकिन 20 जून को 4098 टीके लगे, 19 जून को 24700 टीके और 18 जून को सिर्फ 11,742 टीके लगे थे.
बाकी दिनों में कम टीके के पीछे सरकार का तर्क है कि वो सिर्फ सोमवार, बुधवार-गुरूवार और शनिवार को टीके लगाती है. बाकी दिनों का आंकड़ा निजी अस्पतालों का होता है.
भोपाल में सोमवार को फिर वेक्सीन की क़िल्लत हो गई और पूरे प्रदेश में सिर्फ़ चार लाख ही वैक्सीन ही उपलब्ध थी. नतीजा ये हुआ की भोपाल के कई सेंटर पर टीका लगा ही नहीं और लोग वापस लौटे.
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