शिवराज की सभा से गिरफ्तार की गई लड़की का आरोप, जेल में पुरूषों के सामने करवाया गया 'प्रेगनेंसी टेस्ट'
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में हंगामा करने के लिए गिरफ्तार कर भोपाल केन्द्रीय जेल भेजी गईं नौ अविवाहित लड़कियों में से 26 वर्षीय एक लड़की ने आरोप लगाया है कि उनका जेल में पुरूषों के सामने ‘प्रेगनेंसी टेस्ट’ करवाया गया.
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में हंगामा करने के लिए गिरफ्तार कर भोपाल केन्द्रीय जेल भेजी गईं नौ अविवाहित लड़कियों में से 26 वर्षीय एक लड़की ने आरोप लगाया है कि उनका जेल में पुरूषों के सामने ‘प्रेगनेंसी टेस्ट’ करवाया गया. हालांकि, इन सभी लड़कियों को आज जमानत मिल गई है. जमानत मिलने के बाद एक लड़की ने जेल प्रशासन पर यह आरोप लगाया है.
लड़की ने पहचान जाहिर नहीं किये जाने की शर्त पर बताया, ‘‘हमें पुरूषों के सामने ‘प्रेगनेंसी टेस्ट’ करवाने के लिए बाध्य किया गया." इसी बीच, केन्द्रीय जेल भोपाल के जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने बताया कि जेल मैन्युअल के अनुसार महिलाओं को जेल में डालने से पहले ‘प्रेगनेंसी टेस्ट’ सहित कई ‘यूरिनल टेस्ट’ करने पड़ते हैं.
नरगावे ने कहा, ‘‘इन नौ लड़कियों के टेस्ट पुरूषों के सामने नहीं हुए. जो आरोप लगाया गया है वह झूठा है.’’ लड़की ने कहा, ‘‘मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले साल अक्टूबर में घोषणा की थी कि मध्यप्रदेश पुलिस में महिलाओं की भर्ती में फिजिकल टेस्ट में उन्हें लंबाई में दो सेंटीमीटर की राहत दी जाएगी. लेकिन यह अब तक नहीं हुआ है. इसलिए पिछले तीन दिन से हम शहर के यादगार-ए-शाहजहानी पार्क में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘कद में छूट देने की बजाय हमें कल जेल भेज दिया गया.’’ इन नौ लड़कियों ने मुख्यमंत्री चौहान के सामने बुधवार को लाल परेड ग्राउंड में जाकर उनसे अपने इस वादे को पूरा करने की मांग की थी और हंगामा किया था. इसके लिए पुलिस ने उन्हें सीआरपीए की धारा 151 के तहत कल गिरफ्तार किया था और सब ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया था, जहां से उन्हें कल ही जेल भेज दिया गया था.