भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लड़की से गैंगरेप के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीन थानेदार समते छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इस केस में पुलिस की बड़ी लापरवाही के बाद लगातार शिवराज सरकार की किरकिरी हो रही थी. जिसके बाद अब तीन टीआई, दो एसआई और एक सीएसपी को हटा दिया गया है.
कोचिंग कर लौट रही एक छात्रा के साथ हैवानियत
बता दें कि भोपाल में चार युवकों ने यूपीएससी की कोचिंग कर लौट रही एक छात्रा के साथ हैवानियत की. इसके बाद जब पीड़िता पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने गई तो सीमा विवाद के चक्कर में पुलिस ने चौबीस घंटे तक पीड़ित लड़की की शिकायत दर्ज नहीं की.
पुलिस की नाकामी पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है. हबीबगंज थाने पर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. हंगामे के बाद छह पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया है. कांग्रेस ने इस घटना पर एमपी के गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. दरअसल जहां वारदात हुई उसके 100 मीचर पर जीआरपी का थाना है. 100 मीटर पर आऱपीएफ का थाना है और 100-150 मीटर पर एमपी नगर का पुलिस थाना है. बावजूद इसके किसी ने पीड़ित लड़की की एफआईआर दर्ज नहीं की.
गैंगरेप के चारों आरोपी गिरफ्तार
भोपाल में गैंगरेप के चारों आरोपी अब गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन वारदात के बाद जिस तरह शिकायत लिखने में पुलिस और रेलवे पुलिस ने आनाकानी की, वो एमपी की कानून व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए काफी है.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, रेप के मामलों में मध्य प्रदेश सबसे ऊपर है. 2015 में मध्य प्रदेश में रेप की 4391 वारदातें हुईं यानी हर दिन 12. NCRB के 2015 के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में हर दो घंटे में रेप की एक वारदात होती है.
एमपी में 48 घंटे में रेप की 3 शिकायतें दर्ज
आपको यह भी बता दें कि एमपी में पिछले 48 घंटे में रेप की 3 शिकायतें दर्ज हुई हैं. 31 अक्टूबर की शाम भोपाल में यूपीएससी की कोचिंग कर लौट रही छात्रा से गैंगरेप हुआ तो 1 नवंबर को भोपाल के शाहपुरा इलाके के स्कूल में प्रिंसिपल ने छात्रा के साथ दुष्कर्म किया. प्रिंसिपल को गिरफ्तार कर लिया गया है. आज ही कटनी में जीएआऱपी के सिपाही पर नाबालिग से रेप का केस दर्ज हुआ है.