(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के मुआवजे पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला, केंद्र ने दी थी याचिका
Bhopal Gas Tragedy News: भोपाल गैस त्रासदी में पीड़ितों को केंद्र ने 7400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने के लिए क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी.
1984 Bhopal Gas Tragedy: भौपाल गैस त्रासदी में पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि को बढ़ाने को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट केंद्र की क्यूरेटिव याचिका पर फैसला सुनाएगा. दरअसल, केंद्र द्वारा यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर दायर क्यूरेटिव पिटीशन पर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.
यूसीसी की उत्तराधिकारी फर्मों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भारत सरकार ने निपटान (1989 के) के समय कभी भी यह सुझाव नहीं दिया कि यह अपर्याप्त था. फर्मों के वकील ने इस बात पर जोर दिया कि 1989 के बाद से रुपये का अवमूल्यन भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए अब मुआवजे की मांग का आधार नहीं बन सकता है.
फैसला सुरक्षित रखा था...
दलीलें सुनने के बाद, 12 जनवरी को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने के लिए यूसीसी की उत्तराधिकारी फर्मों से अतिरिक्त 7,844 करोड़ रुपये की मांग वाली केंद्र की क्यूरेटिव पिटीशन पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
यूसीसी की उत्तराधिकारी फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया- जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, अभय एस ओका, विक्रम नाथ और जे.के. माहेश्वरी भी शामिल हैं- कि 1995 से शुरू होकर 2011 तक समाप्त होने वाले हलफनामे हैं, जहां भारत सरकार ने यह सुझाव देने के हर एक प्रयास का विरोध किया है कि समझौता अपर्याप्त है.
साल्वे ने मामले से जुड़े कई...
सुनवाई के दौरान साल्वे ने मामले से जुड़े कई षड्यंत्र सिद्धांतों का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि सिद्धांत में यह दावा किया गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने समझौते से पहले पेरिस के एक होटल में यूसीसी अध्यक्ष वॉरेन एंडरसन से मुलाकात की थी और कहा कि एंडरसन तब तक अपने पद से सेवानिवृत्त हो चुके थे.
शीर्ष अदालत ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से सवाल किया था कि सरकार समीक्षा दायर किए बिना क्यूरेटिव पिटीशन कैसे दायर कर सकती है. इसने एजी को बताया कि केंद्र सरकार को भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों को राहत देने से प्रतिबंधित नहीं किया गया था, और यह राज्य के सिद्धांत से खुद को यह कहकर दूर नहीं कर सकता है, मैं इसे उनसे (यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन की उत्तराधिकारी फर्मों) ले लूंगा, जब भी उनसे लिया जाएगा, मैं भुगतान करूंगा.
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