भोपाल: इस पंचायत ने प्री वेडिंग शूट और महिला संगीत के लिए कोरियोग्राफी पर लगाया बैन
गुजराती समाज के अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री संजय पटेल ने बताया कि गुजराती समाज कार्यकारिणी ने निर्णय लिया गया है कि जो प्री वेडिंग शूट कराए जा रहे हैं उस पर रोक लगनी चाहिए.
भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में जैन और गुजराती समाज की पंचायत ने शादी से पहले प्री वेडिंग शूट और लेडीज संगीत कार्यक्रमों में कोरियोग्राफर बुलाकर डांस सीखने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इस तरह का बैन लगाने के पीछे दोनों समाज का तर्क है कि ये हमारी संस्कृति के खिलाफ है और इसकी वजह से समाज में कई तरह की समस्या हो रही है.
गुजराती समाज के अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री संजय पटेल ने बताया कि गुजराती समाज कार्यकारिणी ने निर्णय लिया गया है कि जो प्री वेडिंग शूट कराए जा रहे हैं उस पर रोक लगनी चाहिए. कार्यकारिणी के सदस्य एक परिपत्र जारी कर इस बात की जानकारी दे रहे हैं. साथ ही लेडीज संगीत के नाम पर कोरियोग्राफर की एंट्री हो रही है उसको भी रोकने के लिए हम समाज के सदस्यों से निवेदन करेंगे. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान समाज के सदस्य या जो महिलाएं परिवार की हैं वही इस कार्यक्रम को कराएं. कार्यकारिणी के सदस्यों का कहना है कि जो सदस्य इस बात को नहीं मानेगा उनको समाज से अलग किया जा सकता है. पटेल ने कहा कि मेरी तो यह कोशिश रहेगी कि पूरे देश में गुजराती समाज इसको माने.
जैन समाज ने भी लिया फैसला-
जैन समाज के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु जैन का कहना है कि उनके गुरुओं ने इस पर आपत्ति ली थी और इसे अश्लील बताते हुए रोक लगाने की सलाह दी थी. जिसपर अमल करते हुए रोक लगाने का फैसला समाज की पंचायत ने लिया है. अब जैन समाज की किसी शादी में ना तो प्री वेडिंग शूट होगा और ना शादी में कोई परिवार किसी बाहरी शख्स को डांस सिखाने के लिए बुलाएगा. साथ ही बारातों में महिलाएं डांस नहीं करेंगी. ये फैसला समाज के सभी लोगों के लिए है. वहीं सिंधी पंचायत के अध्यक्ष भगवान देव इसराणी कहते हैं कि प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव हमने भी तैयार कर लिया है. जिसे अगली पंचायत की बैठक में रखा जाएगा. कई बार ये देखा गया है कि प्री वेडिंग शूट के बाद शादी टूट जाती है और समाज में पूरे परिवार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है. इस पर समाज की लड़कियों का कहना है कि उनकी आजादी है कि वो अपनी शादी में क्या चाहते हैं. प्रतिबंध लगाना गलत है. अगर प्रतिबंध लगाना ही है तो दहेज लेने और मांगने पर लगाना चाहिए. इस तरह के फरमान से देश आगे बढ़ने की बजाए पीछे जाएगा.
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