भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रेलवे स्टेशन पर बिजली बचाने की दिशा में रेलवे मंडल नया प्रयोग कर रहा है. भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर कोई ट्रेन नहीं होने पर 50 फीसदी लाइटें बंद रहेंगी. जैसे ही प्लेटफॉर्म पर कोई ट्रेन आएगी तो 100 फीसदी लाइटें अपने आप जल जाएंगी. फिर ट्रेन के जाते ही 50 फीसदी लाइटें बंद हो जाएंगी. अधिकारियों ने बताया, ऐसा करने से 35 से 40 फीसदी बिजली की बचत होगी. इस पहल की शुरुआत हो चुकी है.
भोपाल रेल मंडल के पीआरओ ने बताया, प्लेटफॉर्म की सभी एलईडी लाइट को होम स्टार्टर सिग्नल से जोड़ा गया है. प्लेटफॉर्म पर ट्रेन के आते ही लाइटें ऑटोमेटिक जल जाएंगी. लाइटें ट्रेन के खड़ी होने तक चालू रहेंगी. जब ट्रेन को स्टार्टर सिग्नल मिलेगा और सिग्नल पार करेगी, तब 50 फीसदी लाइटें बंद हो जाएगी.
हरदा रेलवे स्टेशन में सफल हुआ प्रयोग
हरदा रेलवे स्टेशन पर कुछ समय पहले ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना का सफल प्रयोग किया गया है. यहां ट्रेन प्लेटफॉर्म से जाने के बाद 30 फीसदी लाइटें ही चालू रहती हैं. ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर ही आते ही 70 फीसदी लाइटें बंद हो जाती है. यानी 70 फीसदी तक बिजली की बचत होती है. यहां प्रयोग सफल होने के बाद ही भोपाल रेलवे स्टेशन पर शुरू किया गया.
रेलवे अधिकारी ने बताया, भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 पर शाम 6 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक 12 घंटे में 200 यूनिट बिजली की खपत होती है. यानी कि महीने में 6000 यूनिट. अब इस योजना के तहत 80 यूनिट प्रति दिन बिजली की खपत ही होगी. महीने में 2400 यूनिट की खपत होगी और 3600 यूनिट की बचत होगी.
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